संजय ने जब छानबीन की तो पता चला कि उसने 500 रूपये घंटे में यह दफ्तर
किराये पर लिया था। उसकी शिकायत पर कनॉट प्लेस पुलिस ने मामला दर्ज किया।
बीती 18 सितंबर को अपराध शाखा के एसीपी संजय सहरावत की देखरेख में एसआई
गुरमीत सिंह की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने संजय
शर्मा से ठगी का गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसका असली नाम
स्त्रिग्ध सौरव दास है। वर्ष 2015 में खान मार्केट के एक बार में उसकी
मुलाकात रूस के नागरिक डीआई मैत्री से हुई थी। धीरे-धीरे उनके बीच अच्छी
दोस्ती हो गई। फिर वह उसके साथ मिलकर डॉलर लेने के बहाने लोगों को ठगने
लगा। वह कई भाषाएं जानता है।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि ठगी से मिले पांच हजार डॉलर लेकर वह घूमने के
लिए रूस चला गया था। वहां उसने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पांच दिन मौज-मस्ती
की। इसके बाद वह भारत लौट आया। सौरव मूल रूप से भुवनेश्वर का है।
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