लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति पहले से ही लागू है। यह कदम स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की घटती संख्या के मद्देनजर उठाया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक अधिकारी ने कहा, एक ऑनलाइन डैशबोर्ड के माध्यम से, स्कूल दैनिक उपस्थिति की निगरानी करने में सक्षम होंगे और लगातार अनुपस्थिति के मामले में अंतराल को कम करने के लिए कदम उठाएंगे। डैशबोर्ड सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट दर को रोकने में भी मदद करेगा।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने राज्य विधानसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली के बारे में उल्लेख किया था।
इससे पहले, विभाग ने बायोमेट्रिक स्कैनर द्वारा दर्ज कर्मचारियों (शिक्षण और गैर-शिक्षण) की उपस्थिति को उनके वेतन भुगतान के साथ जोड़ा था।
शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, यूपी के माध्यमिक विद्यालयों में ड्रॉपआउट दर 9.7 प्रतिशत है।
ड्रॉप-आउट दर किसी दिए गए स्कूल वर्ष में किसी दिए गए स्तर पर नामांकित विद्यार्थियों के अनुपात को संदर्भित करता है, जो अगले स्कूल वर्ष में किसी भी ग्रेड में नामांकित नहीं हैं। यूपी में माध्यमिक से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में संक्रमण दर 80.4 प्रतिशत है।(आईएएनएस)
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