नई दिल्ली। भारत में प्रतिबंध का सामना कर रहे शॉर्ट वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक ने प्रतिबंध लगने के करीब सात महीने बाद बुधवार को कहा कि वह देश में 2,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करेगा। टिकटॉक उन 59 चीनी एपों में से एक है, जिसे सरकार ने स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। यह एप सबसे लोकप्रिय एप में से एक था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार द्वारा पिछले साल जून में अस्थायी रूप से चीनी एप्स पर पहली बार प्रतिबंध लगाए जाने के कई महीने बाद यह निर्णय सामने आया है।
टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमने 29 जून, 2020 को जारी भारत सरकार द्वारा जारी आदेश का पालन करने के लिए तेजी से काम किया है। हम लगातार कोशिश करते हैं कि हमारे एप स्थानीय कानूनों और विनियमों का पालन करें और जो भी चिंताएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए पूरी कोशिश करें।"
प्रवक्ता ने कहा, "इसलिए यह निराशाजनक है कि आगामी सात महीनों में हमारे प्रयासों के बावजूद हमें यह स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है कि हमारे एप को कैसे और कब पुन: स्थापित किया जा सकता है।"
गौरतलब है कि भारत सरकार ने शुरू में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को लेकर टिकटॉक, वीचैट और यूसी ब्राउजर और शाओमी के एमआई कम्युनिटी सहित लगभग 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने यह फैसला गलवान घाटी में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुए झड़प के बाद लिया था।
टिकटॉक के प्रवक्ता ने कहा, यह अफसोसजनक है कि भारत में आधे से अधिक सालों से हमारे 2000 कर्मचारियों का समर्थन करने के बाद, हमारे पास अपने कर्मचारियों के आकार को छोटा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
चाइनीज यूनिकॉर्न बाइटडांस के स्वामित्व वाले टिकटॉक ने कहा कि वह "टिकटॉक को पुन: लॉन्च करने और भारत में लाखों उपयोगकर्ताओं, कलाकारों, कहानीकारों, शिक्षकों का समर्थन करने का अवसर प्राप्त करने के लिए तत्पर है।" (आईएएनएस)
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