मुंबई। मुंबई की फैमिली कोर्ट में तलाक के 21 साल बाद अपने पति के रिटायरमेंट फायदों पर दावा करने वाली पत्नी को लेने के देने पड गए। प्रमुख जज लक्ष्मी राव ने न केवल महिला का दावा खारिज किया, बल्कि 2007 से मिले गुजारा भत्ते की राशि लौटाने का आदेश भी दे दिया। 1993 में तलाक के समय महिला को हर माह 350 रूपये गुजारा भत्ता देने के आदेश हुए थे। 2003 में राशि बढाकर 3 हजार रूपये कर दी गई। अब पति सरकारी सेवा से इसी महीने रिटायर होने वाला है। ऎसे में रिटायरमेंट फायदों के तौर पर उसे 79 लाख रूपये मिलेंगे। महिला ने 30 प्रतिशत राशि पर दावा किया था। वहीं, पति ने कोर्ट में कहा कि पत्नी अक्टूबर 2007 से सरकारी नौकरी में है। उसे 25 हजार रूपये महीना मिलता है। 2003 के भत्ता बढवाने के आदेश को भी रद्द किया जाए। वहीं, कोर्ट ने अपील को स्वीकार कर लिया है।
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