सेंसर बोर्ड ने एक फिल्म के विषय को सिरे से खारिज कर दिया तो एफसीएटी ने यू/ए सर्टिफिकेट इस फिल्म को दे दिया। जी हां, यह मामला है फिल्म हरामखोर का। फिल्म के विषय को लेकर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति लगाई थी और फिर इसे बैन कर दिया था। [@ 2016: फिल्में जिन्होंने दिलों को छुआ, गहराई में उतरी और बॉक्स ऑफिस. . .]
दरअसल फिल्म हरामखोर के विषय को लेकर सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। फिल्म में कहानी एक शिक्षक और छात्रा के बीच के नाजायज रिश्तेपर आधारत है। इसमें मुख्य भूमिका में नवाजुद्दीन सिद्दकी और श्वेता त्रिपाठी हैं। फिल्म के विषय को लेकर सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म का विषय उकसाने वाला हो सकता है।
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