देवताओं के सेनापति हैं मंगल। स्वभाव से ये उग्र हैं। प्राचिन धर्म ग्रथों
में लाल रंग को रजोगुण का प्रतीेक स्वीकार किया गया है। रजोगुण शक्ति
केंद्र है। रजोगुण का ही परिणाम है गति। यही कारण है कि शक्ति उपासक
विभिन्न अनुष्ठानों में लाल रंग के वस्त्रों को धारण करते हैं। सिंदूर का
निर्माण सीसे से होता है,जो शक्ति का महत्वपूर्ण स्त्रोत है।
शारीरिक,मानसिक
और आयात्मिक बल का सकार विग्रह हैं हनुमान। इसलिए उनके विग्रह पर सिंदूर
का लेपन होता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार,मां सीता को अपनी मांग में
सिंदुर भरते देख कर एक बार हनुमान ने जब ऎसा करने का कारण पूछा,तो जानकी ने
कहा, पुत्र एक तो यह श्रीराम की दीर्घायु के लिए है, दूसरे इसे देखकर
श्राीराम प्रसन्न होते हैं, क्योंकि सिंदूर लगाने का अर्थ है कि श्रीराम ही
मेरा स्र्वस्व हैं।
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