विवाह के अवसर पर वधू के गले में वर मंगलसूत्र पहनाता है। अनेक दक्षिण
राज्यों में तो मंगलसूत्र पहनाए बिना विवाह की रस्म अधूरी मानी जाती है।
वहां सप्तपदी से भी अधिक मंगलसूत्र का महत्व है।
मंगलसूत्र में
काले रंग के मोती की लडियों, मोर एवं लॉकेट की उपस्थिति अनिवार्य मानी गई
है। इसके पीछे यह मान्यता है कि लॉकेट अमंगल की संभावनाओं से स्त्री के
सुहाग की रक्षा करता है जबकि मोर पति के प्रति श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक
है। काले रंग के मोती बुरी नजर से बचाते हैं तथा शारीरिक ऊर्जा का क्षय
होने से रोकते हैं। ऎसा प्रतीत होता है कि मंगली दोष की निवृत्ति के लिए
इसे धारण करने का विधान प्रचलित हुआ होगा।
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