धार्मिक
मान्यता के अनुसार,सूर्य को अर्घ्य दिए बिना अन्न ग्रहण करना पाप है। मान्यता
है कि सूर्य को अर्घ्य देते सूर्य गिरने वाले जलकण वज्र बनकर राक्षसों का
विनाश करते हैं। रोग ही तो राक्षस हैं। अर्घ्य की विधि को देखने से यह स्पष्ट
हो जाता है कि जल के संस्पर्श से सूर्य की रश्मियां किस प्रकार सात रंगों
में बंट जाती हैं और उनका प्रभाव अर्घ्य प्रदान करने पर किस तरह से पडता है ।
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