हर किसी की चाह होती है कि वो सुन्दर और आकर्षक दिखे। लेकिन हर किसी की सुन्दरता लोगों को आकर्षित नहीं करती हैं। वास्तव में सुन्दरता यानी खबूसूरती कुदरत की देन है।लेकिन क्या आपने सोचा है कि सौन्दर्य और ज्योतिर्ष का आपस में संबंध है। बहुत कम ऐसे लोग है जिन्हें सौन्दर्य की दौलत मिलती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दो प्राकृतिक शुक्र ग्रह शुक्र एवं चन्द्र सौन्दर्य के कारक होते हैं। इन दोनों की शुभ स्थिति कुण्डली में होने पर आमतौर व्यक्ति का रूप आकर्षक होता है।
शुक्र सौन्दर्य का देवता
ज्योतिषशास्त्र में शुक्र को सौन्दर्य का देवता माना जाता है। सौन्दर्य से सम्बन्धित सभी विषय में शुक्र ग्रह की स्थिति को देखा जाता है। सुन्दर नयन नक्श भी शुक्र के प्रभाव से प्राप्त होता है। कोई यदि आकर्षक लगता है तो उसमें आकर्षण पैदा करने वाला ग्रह शुक्र ही है। चन्द्रमा शीतलता एवं त्वचा की रंगत का कारक माना जाता है। चन्द्र से ही शरीर में कोमलता तथा कमनीयता को देखा जाता है। ये दोनों ग्रह जिनकी कुण्डली में शुभ एवं मजबूत होकर स्थित हों उन्हें ये दोनों ग्रह रूप, सौन्दर्य एवं कोमलता प्रदान करते हैं।
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