इस
मंदिर का निर्माण 1974 में आरंभ किया गया। मुकुर श्रीनिवास वरदचेरियार की
अगुवाई में बनी समिति ने इस मंदिर का निर्माण कराया। 5 अप्रैल 1976 से इस
मंदिर में विधिवत पूजा आरंभ हुई। मंदिर का डिजाइन ओम के आकार का है।
नवरात्रि और गोकुलअष्टमी मंदिर के प्रमुख त्योहार हैं।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालु कमल का पुष्प जरूर चढ़ाते हैं। हर लक्ष्मी के
लिए लोग अलग-अलग कमल के फूल लेकर जाते हैं। मंदिर के ऊपरी हिस्से से
समुद्र का सुंदर नजारा दिखाई देता है।
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