मेरठ। यदि आप से कहा जाए कि भागवत गीता के पांच श्लोक सुनाओं तो आप शायद ही सुना पाओगे। लेकिन एक सात साल की दृष्टिबाधित मुस्लिम लडकी है। जिसे पूरी भागवत गीता कंठस्थ है।
गीता के बारे में पूछने पर वह हाथ जो़डकर एक-एक श्लोक सुनाने लगती है। रिदा जेहरा के दिल में गीता बसती है।
वह पिछले तीन साल से मेरठ के आवासीय दृष्टिबाधित स्कूल में पढ रही है। उसने किताबें कभी नहीं देखीं और न ही ब्रेल लिपि के जरिए गीता पढी है।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, उसके स्कूल के शिक्षक ने उसे पढ़ कर गीता के हर श्लोक याद करा दिए हैं।
ब्रिज मोहन स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा जेहरा कहती हैं कि उनके लिए यह बात मायने नहीं रखती कि वह किस ईश्वर को पूजा रही है क्योंकि वह उन्हें कभी देख नहीं पाएगी। वह कहती है कि मुझे ईश्वर की अराधना करना पसंद है, चाहे वह गीता पढ़ करूं या कुरान पढ़कर।
जेहरा के माता-पिता लोहियानगर में रहते हैं, जहां वह गर्मी की छुटि्टयों और त्योहारों में जाती है।
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