इस गाँव में इतना पानी 1170 की एक भयंकर बाढ में आया था लेकिन इस गाँव की
स्थापना 1230 में हुई थी। जब लोग यहां पर रहने आये तो उन्हें यहां पर बहुत
सारे जंगली बकरियों के सिंग मिले जो की सम्भवतया 1170 की बाढ में यहां बह
कर आई होगी। इसलिए इस जगह का शुरूआती नाम पडा "गेटेनहोर्न" (Geytenhorn),
जिसका मतलब होता है "बकरियों के सिंग"। बाद में इसका नाम गिएथूर्न (
(Giethroon) हो गया।
कैसे बनी नहरे :
एक पेड़ का फल ऐसा भी, जिसका स्वाद गुलाब जामुन जैसा
बिन दुल्हे-पंडित दुल्हन बनी क्षमा बिंदु, हुई एक अनोखी शादी
बिजली विभाग ने नहीं दी बिजली, विभाग में ही ये कार्य करता है शख्स
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