करौली। गोयरे को बेहद जहरीला माना जाता है। लोगों का मानना है कि गोयरे के काटने के तीन-चार मिनट में ही मौत हो जाती है। वहीं, राजस्थान में करौली के गुमान सिंह जाट (40) को गोयरा पकडऩे में महारत हासिल है। गुमान सिंह गोयरे को पलक झपकते ही पकड़ लेते हैं। वे गोयरे के मुंह को अपने मुंह में दबा लेते हैं तो यह देखने वाला हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाता है। यही नहीं, गुमान सिंह गोयरे की जीभ को पकडक़र बाहर निकाल लेते हैं। हिंडौन उपखंड के क्यारदाखुर्द गांव निवासी गुमान सिंह अभी तक तीन हजार से ज्यादा गोयरे पकड़ चुके हैं। गुमान ने ये सभी गोएरे लोगों के घरों से पकड़े हैं। इन्हें वह जंगल में ले जाकर छोड़ देते हैं। क्यारदाखुर्द निवासी रामचरण जाट के पुत्र गुमान सिंह ने बताया कि वे करीब पांच साल से यह कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बाबा जयगुरुदेव मथुरा वाले के सान्निध्य में उन्होंने गोयरा पकडऩे की महारत प्राप्त की। गुमान सिंह ने बताया कि गोयरा जंगल में रहता है, लेकिन वह कई बार कॉलोनियों में आ जाता है और लोगों के घरों में घुस जाता है। इससे लोगों में डर बैठ जाता है। कई बार तो लोग गोयरे के कारण अपने घर में भी नहीं जा पाते हैं। गुमान सिंह ने बताया कि जब भी उन्हें सूचना मिलती है तो वे बताए स्थान पर पहुंच जाते हैं। वे वहां से कुछ ही देर में गोयरे को पकडक़र लोगों के डर को दूर करते हैं। इस प्रकार वे अभी तक तीन हजार से ज्यादा गोयरे पकडक़र जंगल में ले ले जाकर छोड़ चुके हैं। खास बात यह है कि गुमान सिंह इसके बदले किसी एक भी रुपया नहीं लेते। गुमान सिंह ने बताया कि गोयरा मुख्य रूप से एक जगह स्थापित हो जाते हैं तो वे आसानी से अपनी जगह नहीं छोड़ते, इसलिए उन्हें दूर जंगल में छोड़ा जाता है।
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