अलवर। शहर से करीब 3 किमी दूर स्थित एक गांव का संबंध लंकापति रावण से बताया जाता है। जैन शास्त्रों की मानें तो रावण यहां भगवान शंकर के स्वरूप पार्श्वनाथ की पूजा करने आया था। यहीं उसे तपस्या के बाद पारस पत्थर मिला था। मान्यता है कि पारस पत्थर के संपर्क से लोहा भी सोना बन जाता था। आगे पढि़ए कहां है वो गांव ...
तीन किमी दूर है गांव
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