जालोर। बरसों पहले एक मुस्लिम ने गायों और गुर्जरों को बचाने के लिए प्राण दे दिए थे। उनकी मजार अब क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहाद्र्र का प्रतीक है। यही कारण है कि उर्स में पहली चादर हिंदू की ओर से चढ़ाई जाती है। यह मजार है हजरत शहीद मल्कसा पीर दातार रहमतुल्लाह अलैह (मल्कसा पीर) की। मजार वाला इलाका पुराने गांव के नाम प्रसिद्ध है। रेत के टीले पर बनी मजार पर मुस्लिम समुदाय से अधिक हिन्दू समुदाय के अकीदतमंद आते हैं।
गुर्जर रहें या फिर उजाड़
[# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत का लोकतांत्रिक इतिहास दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत, हम लोकतंत्र के जनक - पीएम मोदी
दक्षिण कोरिया - महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति यून निलंबित, अब आगे क्या होगा?
ट्रंप की धमकियों पर मेक्सिको की राष्ट्रपति ने कहा - हम मेक्सिकन लोगों के स्वागत के लिए तैयार हैं
Daily Horoscope