अपने मां व बाप को खोने के बाद खुशी को सिर्फ अपने नाना-नानी से ही आस है। ये दोनों भी उम्र की अन्तिम दहलीज पर हैं। नानी कहती है कि खुशी का हमारे जाने के बाद क्या होगा। परिवार में भी आगे पीछे और कोई नहीं है। घर भी कच्चा बना हुआ है, खाने के लिए भी आस-पास से जुगाड़ करना पड़ता है। सरकार की तरफ से भी चयनित का लाभ इस परिवार को नहीं मिल रहा है। वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रही है। वहीं माण्डलगढ़ उपखण्ड अधिकार का कहना है कि खुशी को राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली आर्थिक सहायता एवं अनाथ पालनहार व बुजुर्ग दंपति के लिए पेंशन के दस्तावेज तैयार कराकर शीघ्र समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा।
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