इस
गांव के निर्जन इलाके में जहां सिर्फ चट्टानें ही हैं, वहां यह मंदिर बना
हुआ है। इन चट्टानों को जब गौर से देखते हैं तो पता चलता है की यह सभी
चट्टानें एक ही दिशा में झुकी हुई हैं। जी हां यह सभी चट्टानें भगवान
देवनारायण मंदिर की ओर झुकी हुई हैं। स्थानीय लोगो का मानना है की जब भगवान
देवनाराय स्वर्ग से लौट कर यहां पहुंचे तो इंसानों के साथ ही धरती मां ने
भी उनका नमन किया। सभी चट्टानें भी उन्हें नमन करती हुई मंदिर की दिशा में
झुक गईं। साथ ही सभी सूखे पेड़ भी हरे-भरे हो गए और उन्होंने भी झुक कर
भगवान को नमन किया। आगे पढ़ें क्यों गांव में नहीं होती चोरी. ..
गांव में कभी नहीं होती चोरी
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