संभावना है कि महान पुजारी नेसपॉवरशेलिफ्ट के इस ताबूत पर उंगलियों के निशान उस वक्त प़डे होंगे, जब ताबूत को कारीगरों द्वारा रंगा जा रहा था। ये ताबूत 1000 ईसा पूर्व से पहले या 20वीं तथा 21वीं वंश के बीच के हैं। इन ताबूतों को एक्स-रे और सीटी स्कैन सहित कई व्यापक परीक्षणों से गुजरना प़डा। यह प्रदर्शनी मंगलवार को शुरू हुई है। "डेथ ऑन द नील" नामक इस प्रदर्शनी का उद्देश्य चार हजार साल पहले मिस्त्र ताबूतों की निर्माण प्रक्रिया को जानना है। (आईएएनएस/सिन्हुआ)
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