नई दिल्ली। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा के एक इंस्पेक्टर को अदालत ने रिश्वत लेने का दोषी पाया है। अदालत ने भ्रष्टाचार दोषी इंस्पेक्टर को छह साल की सजा सुनाई है। इंस्पेक्टर पर सीबीआई के मालखाने से 6 लाख 20 हजार रूपये हडपने का जुर्म साबित हुआ है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि लोक सेवक इस तरह के गलत कृत्य के लिए कठोर सजा का ही हकदार है। इस तरह के भ्रष्टाचारी अधिकारियों की बुरी गतिविधियों के बुरे परिणाम देश को भुगतना पड रहा है। पटियाला हाउस स्थित विशेष सीबीआई जज गुरविंदर पाल सिंह की अदालत ने 59 वर्षीय इंस्पेक्टर अजीत सिंह को आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत लोकसेवक द्वारा आपराधिक कदाचार का दोषी ठहराने के बाद कारावास की सजा सुनाई।
दोषी इंस्पेक्टर अपराध के समय मालखाना प्रभारी के तौर पर पदस्थापित था और इस समय जम्मू में एक निरीक्षक के तौर पर काम कर रहा है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सीबीआई इंस्पेक्टर ने सरकारी खजाने को छह लाख 20 हजार रूपये का नुकसान पहुंचाया है। यह सब उसने अपने अवैध व्यक्तिगत फायदे को सर्वोपरि रखा। अदालत ने यह भी माना कि दोषी सीबीआई इंस्पेक्टर के चेहरे पर पpात्ताप की कोई झलक नहीं दिखाई पडी।
अदालत ने सिंह पर आठ लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा है कि अगर जुर्माना वसूल कर लिया जाता है तो इसमें से सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा, दिल्ली को छह लाख 20 हजार रूपये की राशि का भुगतान किया जाए। हालांकि अदालत ने प्रोबेशन पर रिहा करने की अजीत सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि समाज की मांग यह है कि ऎसे दोषी को उपयुक्त सजा दी जानी चाहिए।
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