श्याम मसाले बनाने वाली श्याम धणी इंडस्ट्रीज की स्थापना 1995 में गिरधारीलाल अग्रवाल ने किया था। विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थापना के साथ ही श्याम मसालों की बिक्री प्रदेश के विभिन्न शहरों और गांवों में की जाने लगी। जिसके बाद से ही मसाले प्रदेश के बाजार में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल होने लगे। इसमें और तेजी आई तब, जब गिरधारी लाल अग्रवाल के बेटे रामावतार अग्रवाल ने कंपनी का कार्यभार संभाला। रामावतार अग्रवाल की दूरदर्षिता का ही परिणाम है कि उन्होंने कार्यभार संभालने के साथ सबसे पहले किचन मसालों के तत्कालीन बाजार का अध्ययन किया और बाजार की जरूरतें जानीं। उन्होंने जाना कि आज के युग में उपभोक्ता पारंपरिक तरीके के साथ शुद्धता और बहुत कुछ चाहता है। रामावतार अग्रवाल ने बदलने वक्त को समझा व समय और उपभोक्ता की मांग के अनुसार अपनी कंपनी को ढाला और कार्य का विस्तार करना शुरू किया। रामावतार अग्रवाल की दूरदर्शिता का ही परिणाम था कि आज श्याम धणी इंडस्ट्रीज के श्याम किचन मसाले राजस्थान ही नहीं, देश विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है बाजार में श्याम किचन मसालों की क्वालिटी और शुद्धता का कोई सानी नहीं है।
नकल करते पकड़ी गई तो उठाया ऐसा कदम ...
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