इसलिए उन शहीदों का विवरण उनके फोटो सहित स्कूलों में लगवाए जाएंगे। साथ ही
नियमानुसार उन स्कूलों का नामकरण भी यथासंभव शहीदों के नाम से करवाए जाएं।
सांसद अहलावत ने इससे पहले इस कार्यक्रम का भूरासर का बास में शुभारंभ
किया और शहीद की माता गोरांदेवी तथा वीरांगना मोहिनीदेवी का शॉल ओढाकर
सम्मान किया। इस मौके पर बीएसएफ की ओर से भी शहीद परिवार को शहीद हरिसिंह
की फोटो और उनके शहादत से जुड़ी कहानी का एक स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
बीएसएफ की ओर से 69 बटालियन के एएसआई रफीक मसीह ने कार्यक्रम में हिस्सा
लिया। रफीक मसीह ने बताया कि जिले के 18 शहीदों की शहादत को चिर स्थायी
बनाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजन किए जा रहे हैं। सांसद अहलावत ने भी पीएम
मोदी के इस कदम की सराहना करते हुए। शहीदों के सम्मान के साथ-साथ संस्कारों
की बात सोचने पर उनका आभार जताया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि
सभापति सुदेश अहलावत भी मौजूद थे। कार्यक्रम में शहीद को नमन करने के लिए
सांसद अहलावत की बेटी गार्गी अहलावत भी उनके साथ पहुंची। ग्राम पंचायत
नयासर के सरपंच रोशनलाल मांजू ने अतिथियों का स्वागत किया और इस मौके पर
गांव में एक सडक़ बनाने की मांग की। जिस पर सांसद संतोष अहलावत ने 20 लाख
रुपए की लागत से बनने वाली सडक़ बनाने की घोषणा की और कहा कि वे गांव के
विकास के लिए बिना कोई राजनीति के हमेशा तैयार रहेंगी। कार्यक्रम में कर्नल
दयानंद, गोरधन, नेमीचंद, बजरंग, राकेश मांजू, स्टाफ सदस्या व वीरांगना
सुनिता पूनियां, बिमला, जयसिंह व अंजना खारडिय़ा आदि मौजूद थे। अंत में हैड
मास्टर अनिल मीणा ने आभार जताया।
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