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अध्यात्म, प्रकृति और रोमांच का अनोखा संगम स्थल है ऋषिकेश, अविस्मरणीय रहती है पर्यटन यात्रा

Rishikesh is a unique confluence of spirituality, nature and adventure, the tourist trip remains unforgettable - Entertainment News in Hindi

उत्तराखंड के टिहरी और पौड़ी जिलों की सीमा पर बसा ऋषिकेश एक ऐसा आध्यात्मिक और प्राकृतिक केंद्र है जो न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के पर्यटकों को आकर्षित करता है। ऋषिकेश—जहां एक ओर गंगा की निर्मल धारा बहती है, वहीं दूसरी ओर हिमालय की गोद में बसा यह नगर अध्यात्म और रोमांच दोनों का अनूठा अनुभव प्रदान करता है। यह स्थान केवल तीर्थ या योग-ध्यान के लिए ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए भी स्वर्ग से कम नहीं। यह स्थान हिमालय की तलहटी में बसा हुआ है और इसकी पहचान योग, ध्यान, धर्म, गंगा आरती और साहसिक गतिविधियों के लिए है। गंगा नदी की निर्मल धाराएं, हरे-भरे पहाड़ और आध्यात्मिकता से भरा वातावरण मिलकर ऋषिकेश को एक अनुपम पर्यटन स्थल बनाते हैं। ऋषिकेश की यात्रा को यादगार बनाने के लिए यहां के ये 10 प्रमुख पर्यटन स्थल आपके सफर को खास बना सकते हैं। यहां हम आपके लिए लाए हैं ऋषिकेश के 10 ऐसे बेहतरीन पर्यटन स्थल, जिनकी यात्रा आपके ट्रिप को अविस्मरणीय बना सकती है: पटना जलप्रपात: प्रकृति की गोद में शांति
लक्ष्मण झूले से कुछ किलोमीटर दूर, पटना गांव के पास स्थित यह झरना हरियाली और शांति का अद्भुत मेल है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता और ठंडी जलधारा मानसून में और भी लुभावनी हो जाती है। यहां बैठकर प्रकृति की गोद में समय बिताना किसी ध्यान-सत्र से कम नहीं लगता।
कैसे पहुंचें: लक्ष्मण झूला से लगभग 6 किमी दूर पटना गांव, ट्रेकिंग के रास्ते।
बेस्ट टाइम टू विजिट: जुलाई से अक्टूबर (मॉनसून का समय)
स्थानीय खानपान: रास्ते में मिलने वाले लोकल स्टॉल्स पर भुट्टा, पकोड़े और आंवला जूस।

क्यार्की सूर्यास्त पॉइंट: शाम की सुनहरी छटा

नीरगढ़ झरने की ओर जाते हुए एक छिपा हुआ रत्न है—क्यार्की सूर्यास्त पॉइंट। यह स्थान उन लोगों के लिए एक स्वर्ग है जो फोटोग्राफी, शांति और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं। पहाड़ों के पीछे छिपते सूरज का नजारा यहां से अविस्मरणीय बन जाता है।
कैसे पहुंचें: नीरगढ़ झरने की ओर जाते समय ट्रेकिंग पथ से ऊपर की ओर चढ़ाई।
बेस्ट टाइम टू विजिट: अक्टूबर से मार्च, सूर्यास्त के समय।
स्थानीय खानपान: आसपास चाय-मैगी के ठेले, ट्रेकिंग के बाद हल्की भूख मिटाने को उपयुक्त।
बीटल्स आश्रम: जहां ध्यान ने दुनिया को छुआ
‘चौरासी कुटिया’ के नाम से प्रसिद्ध यह आश्रम कभी विश्वविख्यात बीटल्स बैंड के सदस्य जॉन लेनन और उनके साथियों का ठिकाना रहा था। आज यह स्थान ध्यान और आत्मिक खोज के लिए आने वालों के बीच लोकप्रिय है। आश्रम की दीवारों पर कलात्मक ग्राफिटी और साधना का माहौल यहां की आत्मा हैं।
कैसे पहुंचें: स्वर्ग आश्रम क्षेत्र से पैदल मार्ग या ई-रिक्शा द्वारा।
बेस्ट टाइम टू विजिट: नवंबर से फरवरी
स्थानीय खानपान: पास के कैफे में सादा विदेशी भोजन, जूस और हर्बल चाय।
रिवर राफ्टिंग: गंगा की लहरों से मुकाबला
अगर आप रोमांच के शौकीन हैं, तो गंगा की लहरों पर राफ्टिंग का अनुभव ऋषिकेश में अवश्य लें। यहां की 9 से 25 किलोमीटर की विभिन्न राफ्टिंग रूट्स से आपको रोमांच, चुनौती और सौंदर्य का त्रिवेणी संगम मिलेगा। यह एडवेंचर हर युवा के लिए एक बार जरूर आजमाने जैसा है।
कैसे पहुंचें: तपोवन, मुनि की रेती या ब्रह्मपुरी से एजेंसी बुकिंग।
बेस्ट टाइम टू विजिट: सितंबर से मई
स्थानीय खानपान: राफ्टिंग बेस के पास प्रोटीन बार, स्नैक्स और नींबू पानी उपलब्ध।
लक्ष्मण झूला: इतिहास और श्रद्धा का प्रतीक
गंगा नदी पर बना यह 450 फीट लंबा लटकता पुल केवल एक पुल नहीं, बल्कि इतिहास की एक धरोहर है। मान्यता है कि भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर जूट की रस्सी से गंगा को पार किया था। यहां से नदी और आसपास की पहाड़ियों का दृश्य दर्शकों को एक अलग ही सुकून देता है।
कैसे पहुंचें: ऋषिकेश बस स्टैंड से ऑटो या पैदल मार्ग।
बेस्ट टाइम टू विजिट: सालभर, खासकर सुबह और शाम।
स्थानीय खानपान: झूले के पास प्रसिद्ध जर्मन बेकरी और दक्षिण भारतीय भोजनालय।

त्रिवेणी घाट की गंगा आरती: अध्यात्म की जीवंत झलक

हर शाम त्रिवेणी घाट पर होने वाली गंगा आरती एक भव्य और आध्यात्मिक अनुभव है। सैंकड़ों दीपों की रोशनी, वेदों के मंत्र, घंटियों की ध्वनि और गंगा की धारा मिलकर एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करते हैं जो मन को छू जाता है। यह दृश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
कैसे पहुंचें: मुख्य बाजार से 10 मिनट की दूरी पर पैदल या ऑटो से।
बेस्ट टाइम टू विजिट: शाम 6 से 7:30 के बीच गंगा आरती के लिए।
स्थानीय खानपान: घाट के बाहर जलेबी, छोले भटूरे, मूंग दाल का हलवा आदि।

राम झूला: ध्यान और दर्शन का संगम

लक्ष्मण झूला से थोड़ी दूरी पर स्थित यह पुल शिवानंद और स्वर्ग आश्रम को जोड़ता है। यहां से गंगा का नजारा देखने लायक होता है। सुबह-सुबह इस पुल पर चलना और नदी के किनारे ध्यान करना जीवन को एक नई ऊर्जा से भर देता है।
कैसे पहुंचें: स्वर्ग आश्रम और मुनि की रेती के बीच पैदल मार्ग।
बेस्ट टाइम टू विजिट: मार्च से जून और अक्टूबर से दिसंबर।
स्थानीय खानपान: राम झूले के आसपास आयुर्वेदिक कैफे और शाकाहारी भोजनालय।
कुंजापुरी सूर्योदय: हिमालय की गोद से निकलता सूरज
अगर आप पहाड़ों से प्यार करते हैं तो कुंजापुरी मंदिर की ट्रैकिंग आपके लिए आदर्श रहेगी। सूर्योदय के समय यहां से हिमालय की चोटियों पर पड़ती सूर्य की पहली किरणें स्वर्गिक दृश्य प्रदान करती हैं। यह स्थान फोटोग्राफरों और ट्रैकर्स के बीच खासा लोकप्रिय है।
कैसे पहुंचें: नरेंद्रनगर से टैक्सी, फिर ट्रेकिंग (लगभग 1.5 किमी ऊपर)।
बेस्ट टाइम टू विजिट: सूर्योदय के समय, मार्च से मई और अक्टूबर से दिसंबर।
स्थानीय खानपान: ट्रेकिंग के बाद ऊपर हल्के नाश्ते और चाय के स्टॉल।
वशिष्ठ गुफा: ध्यान की अंतर्यात्रा
ऋषिकेश से थोड़ी दूरी पर स्थित यह गुफा ऋषि वशिष्ठ की तपोभूमि रही है। यह स्थान ध्यान और आत्मिक साधना के लिए आदर्श माना जाता है। यहां का शांत वातावरण, गंगा की कलकल ध्वनि और गुफा के भीतर की अनुभूति, आपको बाहरी दुनिया से जोड़कर अंदर की दुनिया से मिलाती है।
कैसे पहुंचें: ऋषिकेश से श्रीनगर हाईवे पर 25 किमी दूर, टैक्सी द्वारा।
बेस्ट टाइम टू विजिट: अक्टूबर से मार्च, ध्यान के लिए उपयुक्त समय।
स्थानीय खानपान: पास में लोकल भोजनालय – खिचड़ी, सब्जी-रोटी जैसे सात्विक भोजन।
भूतनाथ मंदिर: रहस्य और आस्था का अद्वितीय स्थल
यह मंदिर अपनी अनोखी रचना और कथाओं के लिए प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यह मंदिर भूतों द्वारा एक ही रात में बनाया गया था और इसकी दीवारों में सीमेंट का प्रयोग नहीं हुआ है। मंदिर की बनावट और यहां की रहस्यमयी शांति आपको अचरज में डाल देती है।
कैसे पहुंचें: तपोवन क्षेत्र से ऊपर की ओर चढ़ाई द्वारा पहुँचा जा सकता है।
बेस्ट टाइम टू विजिट: शिवरात्रि, सावन माह और सूर्योदय के समय।
स्थानीय खानपान: मंदिर के नीचे प्रसाद के साथ हल्का स्नैकिंग ज़ोन।
ऋषिकेश की ये 10 जगहें केवल दर्शनीय स्थलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आत्मिक और मानसिक शांति का स्रोत भी हैं। यहां की यात्रा जीवन को एक नयी ऊर्जा और नई दिशा देती है। ऋषिकेश सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ने का एक माध्यम है। यहां की यात्रा आपके भीतर की खोज का साधन बन सकती है। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, अध्यात्म के पथिक हों या रोमांच के जिज्ञासु, ऋषिकेश में हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास है।
यदि आप भी किसी ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां रोमांच, आध्यात्म और प्रकृति का अद्भुत संगम हो, तो ऋषिकेश आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प है।

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Web Title-Rishikesh is a unique confluence of spirituality, nature and adventure, the tourist trip remains unforgettable
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