विश्वस्तरीय सामूहिक चैत्र नवरात्री साधना अनुष्ठान 22 मार्च बुधवार नवसंवत्सर शुक्ल प्रतिपदा से 30 मार्च रामनवमी गुरुवार (2023) तक। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रात:कालीन सत्र—
प्रात:04.00 - जागरण एवं आत्मबोध साधना
प्रात: नित्यकर्म (स्नानादि) 4.15—5.00
प्रात: 05.00—पंचकोश जागरण ध्यान
06.45- प्रज्ञायोग एवं प्राणायाम
06.30 से 07.30—युग तीर्थ शांतिकुंज का दर्शन (भावनात्मक)
सूर्य अघ्र्यदान
07.30 से 08.30—जप या लेखन - साधना
09.00 से 09.45—नित्य यज्ञ
प्रज्ञा पेय
10.45 से 1.25 तक गृह कार्य, विश्राम स्वाध्याय 01.25
मध्यकालीन साधना सत्र
1.30 से 1.45 - ज्योति अवधारणा व अमृतवाणी
1.45 से 2.30 - जप
सायंकालीन साधना
5.00- आरती, चालीसा
5.30 से 6.00 - आहार फलाहार
6.00 बजे से 7.00 तक नादयोद वैश्विक प्रार्थना व जप
7.55 से नित्य जप, चँद्र ध्यान व स्वाध्याय
9.00 तत्वबोध साधना
विधाता तू हमारा है (माता जी की आवाज में)
रात्रि कालीन प्रार्थना—साधक यथा संभव मौन रखें, अनावश्यक बातचीत न करें।
नोट - उपरोक्त दिनचर्या पूर्णकालिक साधकों हेतु है, जो साधक नौकरीपेशा हैं वे अपनी दिनचर्या को स्वयं की तितिक्षा की कसौटी पर कसते हुए स्वयं ही निर्धारित करें।
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