भारत के प्राकृतिक परिदृश्य में सिर्फ पहाड़ और मंदिर ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसी रहस्यमयी झीलें भी छिपी हैं जो समय, मौसम और पर्यावरण के प्रभाव से अपना रंग बदलती हैं। ये झीलें न केवल वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य का विषय हैं, बल्कि यात्रियों के लिए रोमांच, शांति और रहस्य का मेल भी पेश करती हैं। आइए जानें भारत की उन 5 अद्भुत झीलों के बारे में जो समय के साथ रंग बदलती हैं और जिन्हें हर घुमक्कड़ को अपनी बकेट लिस्ट में शामिल करना चाहिए।
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सांभर झील (राजस्थान) – रेगिस्तान में गुलाबी चमत्कार
भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारी झील सांभर झील गर्मियों में गुलाबी हो जाती है। इसका कारण है – डुनालिएला सालिना जैसे शैवाल और हैलोआर्किया नामक सूक्ष्म जीव, जो नमकीन परिस्थितियों में बीटा-कैरोटीन का उत्पादन करते हैं। फरवरी से जून के बीच का समय इस झील को देखने के लिए सबसे उपयुक्त है। आसपास के नमक के खेत और मंदिर इसकी यात्रा को और भी खास बनाते हैं।
लोनार झील (महाराष्ट्र) – उल्का से बनी गुलाबी रहस्य
महाराष्ट्र की लोनार झील लगभग 50,000 साल पहले एक उल्कापिंड की टक्कर से बनी थी। यह खारा और क्षारीय क्रेटर झील है, जो वर्ष 2020 में अचानक हरे से गुलाबी रंग में बदल गई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका कारण पानी में बढ़ी हुई लवणता, लाल शैवाल और हैलोफिलिक माइक्रोब्स का विकास था। गुलाबी रंग का यह रूप सबसे अधिक प्री-मानसून गर्मियों में नजर आता है। पास स्थित लोनार वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में ट्रैकिंग का आनंद भी लिया जा सकता है।
पैंगोंग त्सो (लद्दाख) – बदलते रंगों की ऊँचाई पर बसी झील
समुद्र तल से 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग त्सो झील एक खारे पानी की झील है जो अपने बदलते रंगों के लिए प्रसिद्ध है। कभी नीली, कभी पन्ना सी हरी, तो कभी हल्की गुलाबी – यह दृश्य आसमान की परछाईं और झील में मौजूद खनिजों के अपवर्तन के कारण बनता है। मई से सितंबर के बीच इस झील के किनारे कैंपिंग करना एक स्वर्गीय अनुभव हो सकता है।
चांगू झील (त्सोमगो, सिक्किम) – हर मौसम में नया रंग
गंगटोक से कुछ ही दूरी पर स्थित चांगू झील (या त्सोमगो) एक ग्लेशियर से बनी झील है जो आकाश, मौसम और समय के अनुसार अपना रंग बदलती है। यहां कभी नीला तो कभी चांदी जैसा ग्रे रंग देखने को मिलता है। सर्दियों में यह पूरी तरह जम जाती है। यहां याक की सवारी, बर्फीले फूलों के दर्शन और मंदिरों की यात्रा एक अलग ही अनुभव देते हैं।
मउनपाट सरगुजा तालाब (छत्तीसगढ़) – सुबह लाल, शाम को हरा
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित मउनपाट तालाब रहस्य और लोककथाओं से भरा हुआ है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह तालाब सुबह लाल और शाम को हरा रंग ले लेता है। हालांकि इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण स्पष्ट नहीं है, फिर भी यह स्थान पर्यटकों और खोजी स्वभाव वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। इसके पास मौजूद झरने, जनजातीय जीवन और घने जंगल इस यात्रा को और भी दिलचस्प बनाते हैं।
विविधता और विस्मयकारी भूगोल का प्रमाण
प्राकृतिक सुंदरता और वैज्ञानिक रहस्यों का अनूठा संगम पेश करती ये रंग बदलने वाली झीलें भारत की विविधता और विस्मयकारी भूगोल का प्रमाण हैं। चाहे आप एक नेचर लवर हों, ट्रैवल फोटोग्राफर या फिर साहसिक यात्री – इन झीलों की यात्रा आपको अविस्मरणीय अनुभव दे सकती है। तो अगली बार जब यात्रा की योजना बनाएं, तो इनमें से किसी एक झील को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें।
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