सना| यमन की सरकार ने राजधानी सना में एक प्रवासी डिटेंशन फैसिलिटी में आग लगने की घटना की अंतर्राष्ट्रीय जांच कराने का आग्रह किया है, जिसमें कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। सरकारी समाचार एजेंसी सबा द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, सूचना मंत्री मुअम्मर इर्यानी ने 'अफ्रीकी प्रवासियों के डिटेंशन सेंटर में हुए भयानक अपराध' की कड़ी निंदा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सबा के हवाले से बताया कि इर्यानी ने कहा कि हौती मिलिशिया द्वारा शहर में सड़कों और सार्वजनिक बाजारों से अफ्रीकी प्रवासियों को गिरफ्तार करने, उन्हें लड़ाई में शामिल होने या ऐसा नहीं करने पर कारावास और निर्वासन का सामना करने की धमकी देने के बाद यह घटना हुई।
मंत्री ने घातक घटना के पीछे के विवरण को उजागर करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय, पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की मांग की।
पासपोर्ट और प्राकृतिक प्राधिकरण परिसर से जुड़े भीड़भाड़ वाले डिटेंशन सेंटर में रविवार को आग लग गई, जिस पर हौती मिलिशिया का नियंत्रण है।
सना के स्थानीय अथॉरिटी के एक अधिकारी ने सिन्हुआ को बताया कि "धमाके के कारण हुई प्रारंभिक मौत ने संकेत दिया कि लगभग 60 लोग मारे गए और 100 अन्य घायल हुए जिनमें से अधिकांश इथियोपियाई अप्रवासी थे।"
अधिकारी ने कहा कि आगजनी के शिकार लोगों में अफ्रीकी प्रवासी और फैसिलिटी कर्मचारी शामिल हैं।
--आईएएनएस
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