तेहरान। ईरान के उपविदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने कहा कि ‘‘अगर अमेरिका प्रतिबंध हटा दे और ईरान को समझौते का लाभ मिलने लगे तो हम जेसीपीओए की प्रतिबद्धताओं का पालन करने लगेंगे।“ अराक्ची ने कहा कि 2015 ईरान परमाणु समझौते के अंतर्गत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने के बावजूद ईरान की समझौते से अलग होने की कोई योजना नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
समाचार एजेंसी तसनीम व सिन्हुआ के अनुसार टोक्यो में जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी से बैठक के दौरान अराक्ची ने कहा कि “इस्लामिक गणराज्य ने अपनी प्रतिबद्धताएं कम करने का फैसला किया है, क्योंकि यूरोपीय देश समझौते के अंतर्गत ईरान के आर्थिक हितों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर सके। हमारा उद्देश्य जेसीपीओए से अलग होना नहीं है अगर अमेरका प्रतिबंध हटा दे और ईरान को समझौते का लाभ मिलने लगे तो हम जेसीपीओए की प्रतिबद्धताओं का पालन करने लगेंगे।“
ईरान के वरिष्ठ परमाणु वार्ताकार की भूमिका निभा चुके अराक्ची ने कहा
‘‘मई 2018 में अमेरिका के जेसीपीओए से अलग होने और इस्लामिक गणराज्य पर दोबारा प्रतिबंध लगाने के और ईरान के बैंकिंग लेनदेन और उसके तेल निर्यात को सुगम बनाने में यूरोपीय देशों की सुस्ती के जवाब में ईरान ने जेसीपीओए के अंतर्गत की गई अपनी प्रतिबद्धताओं को खत्म कर दिया था।’’ इस समझौते को जॉइंट कंप्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) के नाम से जाना जाता है।
भूतल में स्थित फोडरे परमाणु संयंत्र में गतिविधियां बढ़ाने के अलावा, ईरान ने परमाणु ईंधन का भंडार बनाना शुरू कर दिया है और निम्न स्तर के यूरेनियम को उच्च गुणवत्ता के यूरेनियम में बदलना शुरू कर दिया है।
(आईएएनएस)
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