लंदन। बैंकों से लोन लेकर देश से भागे भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या को झटका लगा है। वह यूके में भारतीय
बैंकों की ओर से फाइल किया मुकदमा हार गए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के
मुताबिक व्यापक स्तर पर की गई धांधली के आरोपों के बीच बैंकों ने माल्या पर 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ब्रिटेन की एक अदालत माल्या के उस दावे से संतुष्ट नहीं हुई कि वह 1988 से एनआरआई के तौर पर रह रहे हैं और 1992 से इंग्लैड में रहते हैं। आपको बता दें कि जज हेनशॉ ने ही एक दिन पहले मंगलवार को फैसले में माल्या की संपत्तियों को जब्त करने संबंधी वैश्विक आदेश को पलटने से इनकार कर दिया था। उन्होंने फैसले में भारतीय अदालत के उस आदेश को सही बताया है कि भारत के 13 बैंक माल्या से 1.55 अरब डॉलर की राशि वसूलने के पात्र हैं। भारत के 13 बैंकों के समूह ने माल्या से 1.55 अरब डॉलर से अधिक की वसूली के लिए यहां एक मामला दर्ज कराया था।
हाई कोर्ट के जज एंड्रयू हेनशॉ ने दर्ज किया कि माल्या कथित वित्तीय गड़बड़ियों के लिए भारत को प्रत्यर्पण किए जाने का विरोध कर रहा है। जज ने अपने फैसले के तहत लिखा है कि सभी हालात के मद्देनजर यहां तक कि माल्या द्वारा प्रत्यर्पण के कथित आधार का विरोध किए जाने को देखते हुए, माल्या को कानून से भगोड़ा करार दिए जाने का आधार है। माल्या पर भारत में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी व मनी लांड्रिंग का आरोप है। ये मामले सामने आने के बाद वह देश छोड़कर भाग गया था।
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