नई दिल्ली। भारत में 9000 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्टर विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया। माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में उसके प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया। हालांकि वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने उसे कुछ घंटे के बाद जमानत दे दी।
बैंकों से लगभग 9000 करोड का कर्जा लेकर विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया है। विजय माल्या को स्कॉटलैंड यार्ड से गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि विजय माल्या को भारत सरकार के आग्रह पर हिरासत में लिया गया है। माल्या देश छोडकर काफी वक्त से लंदन में रह रहे थे। इसके अलावा माल्या पर कई दूसरे गंभीर वित्तीय आरोप भी लगे हुए हैं।
टीवी चैनलों के अनुसार उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत पर छोड दिया गया।
जमानत मिलने के बाद माल्या ने ट्वीट किया-भारतीय मीडिया ने मामले को बढाकर
पेश किया है। यहां अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हुई है। कोर्ट
प्रत्यर्पण के मामले पर सुनवाई करेगा।
इस घटनाक्रम के बीच, भारत सरकार ने कहा है कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए
ब्रिटेन में कानूनी प्रक्रिया जारी है।
एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा
कि भारत ने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश अधिकारियों से अपील की थी,
जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, इस संबंध में ब्रिटेन में कानूनी कार्रवाई जारी है और दोनों सरकारें संपर्क में हैं। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने के बाद माल्या (61) को हिरासत में ले लिया गया। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बाद में उन्हें 650,000 पाउंड के मुचलके पर जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
मेट्रोपॉलिटन
पुलिस के एक बयान के मुताबिक, प्रत्यर्पण इकाई के अधिकारियों ने भारत के
एक प्रत्यर्पण वारंट पर माल्या को गिरफ्तार किया। बयान के मुताबिक, धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय अधिकारियों की तरफ से माल्या को गिरफ्तार किया गया।जमानत
मिलने के बाद माल्या ने ट्वीट किया, हमेशा की तरह भारतीय मीडिया का
हो-हल्ला। अदालत में प्रत्यर्पण पर सुनवाई आज (मंगलवार को) शुरू होनी थी,
जो पहले से तय थी।
किंगफिशर एयरलाइन के लिए बैंकों से लिए गए 8,191
करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी न करने पर माल्या के खिलाफ बैंकों ने अदालत
की शरण ली। इसके बाद वह साल 2016 में ब्रिटेन भाग गए। बैंक अभी तक
केवल 155 करोड़ रुपये ही वसूल पाए हैं। कई आदेशों के बावजूद माल्या जांच
कर्मियों के समक्ष पेश नहीं हुए और फिर भारत से भाग निकले।
फरवरी
में भारत सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटिश अधिकारियों को एक
औपचारिक अनुरोध सौंपते हुए कहा कि उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता तथा ऋण का
भुगतान न करने का वैध मामला है।
ज्ञातव्य है कि एसबीआई की अगुवाई वाले 17 बैंकों के समूह ने विजय माल्या दिया था। विजय माल्या बिना कर्ज चुकाए पिछले वर्ष मार्च माह में लंदन चले गए थे। इससे पहले माल्या ने यूएसएल के साथ डील की थी, जिसमें उन्हें कंपनी से हटने के एवज में 500 करोड रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी और उस वक्त रही किसी भी पर्सनल लायबिलिटी से वह मुक्त कर दिए गए थे। हांलंाकि इसके कुछ दिन बाद ही भारत की सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को पासपोर्ट सहित 30 मार्च, 2016 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी माल्या सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हुए।
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