संयुक्त राष्ट्र | चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे को उठाया, मगर उसे मुंह की खानी पड़ी, क्योंकि अन्य स्थायी सदस्यों ने इस मुद्दे पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इस दिशा में विशेष रूप से अमेरिका और फ्रांस ने एक मजबूत रुख अपनाया। इसके साथ ही ब्रिटेन, जो अगस्त 2019 में अस्पष्ट था, उसने भी बुधवार को परिषद के हस्तक्षेप के खिलाफ एक मजबूत स्थिति बनाने में उनका साथ दिया।
इस दौरान रूस भी तीनों पश्चिमी देशों के साथ खड़ा हो गया, जिससे पाकिस्तान व चीन के मंसूबों पर पानी फिर गया। चीन के स्थायी प्रतिनिधि झांग जून और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी बाद में इस तथ्य को स्वीकार किया कि परिषद में कश्मीर विवाद एक द्विपक्षीय मुद्दा ही बना रहा।
वियतनाम के स्थायी प्रतिनिधि डांग दीन क्वी, जो इस महीने के लिए परिषद के अध्यक्ष हैं, ने मीडिया से बात नहीं की और कोई बयान नहीं दिया। बंद दरवाजे की यह बैठक काउंसिल चैंबर से दूर एक परामर्श कक्ष में आयोजित की गई थी। झांग ने तात्कालिकता दिखाते हुए परिषद के पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी के पत्र का हवाला दिया।
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