• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

सच कहने वालों की सुरक्षा का मुद्दा, युद्ध क्षेत्रों से लेकर डिजिटल मोर्चे तक

 - World News in Hindi

दुनिया भर में पत्रकार वैसे तो हर दिन तथ्यों व सच्चाई को सामने लाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, मगर फिर भी उनके स्वयं के विरुद्ध होने वाले अधिकतर हमलों में, कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं होती और किसी को कोई दंड नहीं मिलता. संयुक्त राष्ट्र ने, पत्रकारों के ख़िलाफ़ अपराधों के लिए दंडमुक्ति समाप्त करने के अन्तरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर, उन लोगों के लिए न्याय की मांग की है जिनकी आवाज़ों को ख़ामोश कर दिया गया है.संयुक्त राष्ट्र ने, साथ ही उन लोगों की सुरक्षा का भी आहवान किया है जो अब भी सत्ता के सामने सच बोल रहे हैं - चाहे वे युद्ध क्षेत्रों में हों या ऑनलाइन माध्यमों पर, जहाँ दुर्व्यवहार तेज़ी से फैल रहा है.यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस दिवस पर अपने सन्देश में कहा है, "दुनिया भर के मीडिया पेशेवरों को सच्चाई की तलाश में बढ़ते ख़तरों का सामना करना पड़ता है – जिसमें उनके साथ मौखिक दुर्व्यवहार, उन्हें क़ानूनी धमकियाँ, उन पर शारीरिक हमले, कारावास और यातनाएँ शामिल हैं. इन घटनाओं में कुछ पत्रकारों को तो मार भी दिया जाता है."अनसुलझे मामलेयूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है, "दुनिया भर में, पत्रकारों की हत्याओं के लगभग दस में से नौ मामले, अनसुलझे रह जाते हैं.”उनके अनुसार, “ग़ाज़ा "किसी भी युद्ध में पत्रकारों के लिए सबसे घातक जगह" रहा है. एंतोनियो गुटेरेश ने ग़ाज़ा में पत्रकारों पर हमलों की "स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच" का आग्रह किया. एंतोनियो गुटेरेश आगाह किया कि दंडमुक्ति "न केवल पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ अन्याय है, बल्कि यह प्रैस की स्वतंत्रता पर हमला है, यह हिंसा को और बढ़ावा देता है, और लोकतंत्र के लिए भी ख़तरा है."उन्होंने सभी सरकारों से "हर मामले की जाँच करने, हर अपराधी पर मुक़दमा चलाने और यह सुनिश्चित करने का आहवान किया कि पत्रकार हर जगह स्वतंत्र रूप से अपना काम कर सकें."ऑनलाइन माध्यमों पर महिलाओं का उत्पीड़नप्रैस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करने वाली, यूएन संस्कृति और शिक्षा एजेंसी UNESCO, इस वर्ष महिला पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए डिजिटल तकनीक के बढ़ते उपयोग पर केन्द्रित अभियान चला रही है.यूनेस्को ने, चैट जीबीवी: महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ एआई-सहायक लिंग-आधारित हिंसा के बारे में जागरूकता का विस्तार” विषय के तहत चेतावनी दी है कि जैनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (GAI) के उदय ने, ऑनलाइन माध्यमों पर किए जाने वाले दुर्व्यवहार की पहुँच और प्रभाव को बढ़ा दिया है.एजेंसी का कहना है, "जब किसी महिला पत्रकार का एआई-जनित डीपफ़ेक वायरल होता है, तो केवल उसकी छवि पर ही हमला नहीं होता - बल्कि उसकी विश्वसनीयता, सुरक्षा और आवाज़ पर भी हमला होता है."इस तरह के हमलों को, विशेषज्ञों ने, technology-Facilitated Gender Based यानि टैक्नॉलॉजी की मदद से लिंग-आधारित हिंसा कहा है. यह मीडिया में महिलाओं को ख़ामोश कराने, अपमानित करने और बदनाम करने के लिए उत्पीड़न का एक बढ़ता हुआ रूप है. धमकियाँ और हमलेयूनेस्को के द चिलिंग अध्ययन से मालूम होता है कि 73 प्रतिशत महिला पत्रकारों को, ऑनलाइन मंचों पर धमकियों का सामना करना पड़ा है, और इनके परिणामस्वरूप, चार में से एक महिला पत्रकार को वास्तविकता में हमलों का सामना करना पड़ा है.व्यापक दायरे में बात करें तो दुनिया भर में 58 प्रतिशत युवतियों और लड़कियों को, सोशल मीडिया मंचों पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, जिससे इस समस्या की गम्भीरता नज़र आती है.यूएन महासचिव ने कहा है, "डिजिटल माध्यमों को उन लोगों के लिए सुरक्षित बनाया जाना होगा, जो समाचार एकत्र करते हैं और रिपोर्ट करते हैं. जब पत्रकारों को चुप करा दिया जाता है, तो हम सभी अपनी आवाज़ खो देते हैं."संयुक्त राष्ट्र और पत्रकारों का सन्देश स्पष्ट है: केवल अपना काम करने के कारण उनके ख़िलाफ़ हुए अपराधों के लिए न्याय पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है, और डिजिटल माध्यमों को उन लोगों से वापस छीनना होगा जो भय और घृणा फैलाने के लिए, टैक्नॉलॉजी को हथियार की तरह प्रयोग करते हैं.

यह भी पढ़े

Web Title-
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved