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कैरीबियाई क्षेत्र में नौकाओं पर अमेरिकी हमले ‘अस्वीकार्य’ हैं - मानवाधिकार उच्चायुक्त

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यूएन मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने सचेत किया है कि कैरीबियाई और प्रशान्त क्षेत्र में नौकाओं को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हवाई हमलों में निशाना बनाए जाने की घटनाएँ, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों का उल्लंघन हैं, और ड्रग्स तस्करी के विरुद्ध कार्रवाई में समुचित क़ानूनी उपायों का सहारा लिए जाने की आवश्यकता है. अमेरिका ने इन नौकाओं के मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए हमले किए हैं, जिनमें अब तक 60 से अधिक लोगों के मारे जाने की ख़बर है. कैरीबियाई और प्रशान्त क्षेत्र में नौकाओं पर ये हमले सितम्बर में शुरू हुए थे और अब तक अमेरिकी सशस्त्र बलों द्वारा सिलसिलेवार ढंग से कई नौकाओं को निशाना बनाया जा चुका है.यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने शुक्रवार को जिनीवा में बताया कि ये हमले जिन परिस्थितियों में किए गए हैं, उन्हें अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है. अब तक ऐसी कार्रवाई में 60 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की जानकारी है. Tweet URL

“ये हमले, और इनकी बढ़ती मानव क़ीमत, अस्वीकार्य हैं. अमेरिका को ऐसे हमले रोकने होंगे और इन नौकाओं पर सवार लोगों को न्यायेतर ढंग से की जा रही हत्याओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने होंगे, चाहे उन पर किसी भी प्रकार के आपराधिक आचरण का आरोप हो.”अमेरिका का तर्क है कि ड्रग्स और आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए ये कार्रवाई सुरक्षा अभियान का एक आवश्यक हिस्सा है और यह कार्रवाई अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के अनुरूप ही है.यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने ध्यान दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के तहत, घातक बल के मंशापूर्वक इस्तेमाल को तभी अनुमति प्राप्त है जब इसे उन व्यक्तियों के विरुद्ध अन्तिम उपाय के रूप में प्रयोग किया जाए, जिनसे जान का जोखिम हो.उन्होंने बताया कि अमेरिकी प्रशासन ने फ़िलहाल इस विषय में सार्वजनिक रूप से कम जानकारी ही साझा की है और ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि नौकाओं पर सवार लोगों से किसी अन्य को जान का तात्कालिक ख़तरा था. या फिर किसी और वजह से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अन्तर्गत इस घातक बल के प्रयोग को सही ठहराया जा सकता है.अन्तरराष्ट्रीय क़ानून पर बलइसके मद्देनज़र, उच्चायुक्त टर्क ने इन हमलों की तुरन्त, स्वतंत्र व पारदर्शी ढंग से जाँच कराए जाने की अपील की है.उन्होंने माना कि ड्रग तसस्करी के विरुद्ध लड़ाई में अनेक चुनौतियाँ हैं, मगर इसके बावजूद अमेरिकी सरकार के लिए अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का पालन करना ज़रूरी है. इस क्रम में, उन्होंने नारकोटिक्स विरोधी सन्धि की प्रासंगिकता का उल्लेख किया, जिसमें अमेरिका भी शामिल है.मानवाधिकार मामलों के लिए शीर्ष अधिकारी ने अवैध तस्करी से निपटने के लिए स्थापित क़ानूनी उपायों व तौर-तरीक़ों का सहारा लेने का आग्रह किया. इनमें क़ानूनी तरीक़ों से नौकाओं का पीछा करना, उन्हें रोकना, और आपराधिक क़ानून के तहत संदिग्धों को हिरासत में लेना है.OHCHR प्रमुख टर्क ने कहा कि आवश्यक होने पर, अमेरिका को ऐसे मामलों की जाँच करनी होगी और गम्भीर अपराधों के दोषियों को निष्पक्ष अदालती प्रक्रिया के बाद दंडित करना चाहिए.

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