• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

म्याँमार: 'सभी जातीयता के आम नागरिक भुगत रहे हैं, हिंसा का ख़ामियाज़ा'

 - World News in Hindi

म्याँमार में मानवाधिकार उल्लंघन मामलों की जाँच के लिए स्वतंत्र निकाय के शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय अपराधों की आवृत्ति व गहनता बढ़ती जा रही है. गहरे मानवीय संकट से जूझ रहे देश में सैन्य हमलों में तेज़ी आ रही है, जिसमें व्यापक स्तर पर आम नागरिक हताहत हो रहे हैं और युद्ध अपराधों के साक्ष्य बढ़ते जा रहे हैं. स्वतंत्र जाँच निकाय के प्रमुख निकोलस कूमजिएन ने बुधवार को यूएन महासभा की तीसरी समिति को बताया कि सभी जातीयताओं के आम नागरिक हिंसा का ख़ामियाज़ा भुगत रहे हैं.“हमने ऐसे साक्ष्यों को जुटाया है, जिनके अनुसार सैन्य प्रशासन द्वारा हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को यातना दी गई है और उन्हें यौन हिंसा के विभिन्न रूपों को झेलना पड़ा.”“हमारे पास इन्हें अंजाम देने वाले और उनके कमांडर की शिनाख़्त के साक्ष्य हैं.”स्वतंत्र जाँच निकाय के प्रमुख के अनुसार, उनकी टीम ने बिना सुनवाई के ही जान से मार दिए जाने और स्कूलों, अस्पतालों, व उपासना स्थलों पर हमलों के मामलों में जानकारी जुटाई है. म्याँमार की सेना द्वारा अब पहले की तुलना में कहीं बड़े पैमाने पर हवाई हमलों का इस्तेमाल किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि राख़ीन प्रान्त में विद्रोही गुट अराकान आर्मी ने अधिकाँश क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया है. यह एक जातीय आधार पर हथियारबन्द गुट है, जोकि म्याँमार के सैन्य नेतृत्व से लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन सेना की बर्बर कार्रवाई से यहाँ आम नागरिक बुरी तरह पीड़ित हैं और भुखमरी का शिकार हैं.मानवाधिकार जाँच टीम ने अत्याचार को अंजाम दिए जाने के अनेक आरोपों में साक्ष्य जुटाने की बात कही है, जिनमें ड्रोन से आम नागरिकों को निशाना बनाने, यातना देने, बलात्कार करने और मानवीय सहायता को ज़रूरतमन्द आबादी तक पहुँचने से रोकने जैसे अपराध शामिल हैं. © UNICEF/Minzayar Oo मैंडाले में एक शिक्षक खंडहरों के बीच ...वहीं, जहाँ कभी वह अंग्रेज़ी और विज्ञान पढ़ाया करते थे. अब वह कक्षा मार्च में आए भूकम्प की तबाही में पूरी तरह तबाह हो चुकी है. एक अदृश्य संकटम्याँमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर स्वतंत्र विशेषज्ञ टॉम ऐंड्रयूज़ ने बताया कि देश में हालात नाटकीय ढंग से बिगड़ रहे हैं. यह केवल एक राष्ट्रीय त्रासदी नहीं है, यह पूरे क्षेत्र और इससे परे भी प्रभावित कर रहा है. 2.2 करोड़ लोगों को अब सहायता की दरकार है और 1.67 करोड़ लोग खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं.इसी वर्ष, मार्च महीने में म्याँमार में आए भूकम्प से दो लाख लोग बेघर हो गए थे, डेढ़ लाख से अधिक इमारतों को नुक़सान पहुँचा और 11 अरब डॉलर की हानि हुई थी.विशेष रैपोर्टेयर टॉम ऐंड्रयूज़ ने बताया कि सैन्य नेतृत्व ने इस प्राकृतिक आपदा को मानवीय आपदा में तब्दील कर दिया. उन्होंने व्यवस्थागत ढंग से मानवीय सहायता को रोका, राहतकर्मियों का उत्पीड़न किया, उन्हें धमकियाँ दी, घरों में लूटपाट की गई और किशोरों को सेना में भर्ती होने के लिए मजबूर किया गया.इसके बाद के महीनों में, नागरिक प्रतिष्ठानों पर सैन्य हमलों में तेज़ी आई है और अब भूकम्प से पहले की तुलना में कहीं अधिक संख्या में हमले किए गए हैं. स्वास्थ्य प्रणाली को भी निशाना बनाया गया है और 2025 के पहले आठ महीनों में स्वास्थ्य केन्द्रों व कर्मचारियों पर 169 हमले हो चुके हैं.स्वतंत्र विशेषज्ञम्याँमार के लिए स्वतंत्र जाँच निकाय और मानवाधिकारों की स्थिति पर विशेष रैपोर्टेयर, दोनों के लिए यूएन मानवाधिकार परिषद से अधिदेश प्राप्त है. उनका दायित्व देश में दुर्व्यवहार, मानवाधिकार उल्लंघन मामलों की पड़ताल और जवाबदेही तय करना है.स्वतंत्र जाँच निकाय द्वारा अन्तरराष्ट्रीय अपराधों को अंजाम दिए जाने के मामलों में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में न्यायिक प्रक्रियाओं में इन्हें इस्तेमाल में लाया जा सके.वहीं, विशेष रैपोर्टेयर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं. वे यूएन के कर्मचारी नहीं होते हैं और वो किसी सरकार या संगठन से स्वतंत्र होकर काम करते हैं.

यह भी पढ़े

Web Title-
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved