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अन्तरिक्ष की ‘असीम सम्भावना’: मानवता का आपसी सहयोग अत्यावश्यक

 - World News in Hindi

संयुक्त राष्ट्र के नए अन्तरिक्ष चैम्पियन ब्रायन कॉक्स का कहना है कि अन्तरिक्ष के बारे में अधिक से अधिक जानकारी, मानव जाति के लिए "असीमित सम्भावनाओं" के द्वार खोल सकती है, लेकिन यह एक ऐसा क्षेत्र भी है जो राष्ट्रों को, आपस में सहयोग करने के लिए बाध्य करता है. संयुक्त राष्ट्र के बाहरी अन्तरिक्ष मामलों के कार्यालय (UNOOSA) ने ब्रायन कॉक्स को बुधवार (29 अक्टूबर) को अन्तरिक्ष चैम्पियन मनोनीत किया है. Tweet URL

प्रसारक और खगोल भौतिक विज्ञानी प्रोफ़ेसर ब्रायन कॉक्स ने यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा है कि वह अपनी नई भूमिका का उपयोग, अधिक से अधिक लोगों को यह समझाने के लिए करेंगे कि अन्तरिक्ष इतना महत्वपूर्ण और अदभुत क्यों है.ब्रायन कॉक्स: जहाँ तक मुझे याद है, मुझे खगोल विज्ञान में रुचि थी. मैंने अपोलो 11 को चन्द्रमा पर उतरते हुए देखा था, हालाँकि उस समय मेरी आयु लगभग एक वर्ष थी, इसलिए मुझे ज़्यादा कुछ यह याद नहीं है.एक और महत्वपूर्ण स्तर पर बात करें तो अन्तरिक्ष, वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास की सम्भावना वाला एक प्रमुख क्षेत्र है.. आँकड़े आश्चर्यजनक हैं. अनुमान है कि 2035 तक अन्तरिक्ष अर्थव्यवस्था का मूल्य लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर होगा, जोकि इस समय लगभग 6-7 सौ अरब डॉलर है.अन्तरिक्ष के आर्थिक प्रभाव से आगे की बात करें तो, अन्तरिक्ष हमेशा से लोगों को एक साथ लाने वाला प्रयास रहा है.अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन उन जगहों में से एक है जहाँ हम सहयोग करते हैं क्योंकि हम ऐसा करना चाहते हैं. मगर, इसलिए भी क्योंकि हम मजबूर हैं, क्योंकि अन्तरिक्ष स्पष्ट रूप से किसी एक देश का हिस्सा नहीं है.यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ हम विस्तार कर सकते हैं, जिसमें सचमुच असीमित सम्भावनाएँ हैं, लेकिन यह हमें सहयोग करने के लिए भी मजबूर करता है.यूएन न्यूज़: सहयोग का विचार बहुत महत्वपूर्ण है. क्या यही एक कारण है कि आप संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करना चाहते हैं?ब्रायन कॉक्स: मेरी नज़र में, कुछ प्रयासों के लिए, वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता होती है. उनके लिए वैश्विक विनियमन, शासन, और साथ ही वैश्विक महत्वाकांक्षा की भी आवश्यकता होती है. अन्तरिक्ष, स्पष्ट रूप से उनमें से एक है.ग्रहों की रक्षा, चन्द्रमा की खोज, क्षुद्रग्रहों के खनन और फिर एक देशों के रूप में सौर मंडल में आगे बढ़ने के बारे में बात करना बेमानी है. यह कारगर नज़र नहीं आता.कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ वैश्विक सहयोग हम पर थोपा जाता है. और मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह स्थिति हमें कठिन काम करने, कठिन कूटनीति, तकनीकी वार्ता करने के लिए मजबूर करती है.कुछ लोग इसे एक कमी मान सकते हैं, लेकिन मैं इसे अन्तरिक्ष का एक बड़ा फ़ायदा मानता हूँ कि हम एक ही दुनिया के रूप में सोचने को मजबूर हैं. © NASA यूएन न्यूज़: और आपको क्या लगता है कि इस नई भूमिका में आप व्यक्तिगत रूप से क्या बदलाव ला सकते हैं?ब्रायन कॉक्स: यह ज़रूरी है कि हम अपनी पहुँच, अपनी अर्थव्यवस्था और अपनी महत्वाकांक्षाओं को अन्तरिक्ष में और आगे बढ़ाएँ.मेरी पृष्ठभूमि, एक शौकिया उत्साही होने के साथ-साथ, कहानी बयान करने में है, जहाँ मैं यह समझने और फिर उन कारणों को समझाने की कोशिश करता हूँ कि अन्तरिक्ष इतना महत्वपूर्ण और अदभुत क्यों है, जितना हो सके उतने अधिक से अधिक लोगों के लिए.और वैसे, वे दर्शक केवल आम जनता ही नहीं है, बल्कि राजनैतिक नेता और उद्योग जगत के नेता भी हैं, जिन्हें शायद अन्तरिक्ष की क्षमता के बारे में मालूम नहीं हो.विज्ञान हमारी सभ्यता के आवश्यक आधारों में से एक है और इसलिए, अगर लोगों को इसके लाभों से अवगत नहीं कराया जाता है, तो वे हमारी सभ्यता को मज़बूत और विकसित करने में भाग नहीं ले सकते.अगर समझ की कमी है, तो सम्भावना है कि जो निर्णय लिया जाए वो सर्वश्रेष्ठ नहीं हो.अगर यह बात कुछ नीरस लग रही है, तो हम कुछ बुनियादी सवाल भी पूछ रहे हैं, जैसे कि क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?यूएन न्यूज़: मुझे लगता है यही सवाल आपसे सबसे ज़्यादा पूछा जाता है?ब्रायन कॉक्स: यह एक बहुत अच्छा सवाल है. मुझे लगता है कि हम सभी इसके बारे में सोचते हैं. इसका जवाब है कि हमें नहीं मालूम.आप इसे अधिक वैज्ञानिक अर्थ में कह सकते हैं. जीवन का पता लगाने के लिए हमें पृथ्वी से कितनी दूर जाना होगा?फ़िलहाल, हमें इस सवाल का जवाब नहीं मालूम, लेकिन हम इसका जवाब तलाश करने की कोशिश कर रहे हैं.यूएन समाचार: क्या अन्तरिक्ष से जुड़ी कोई ग़लतफ़हमी है जिसका आप समाधान करना चाहेंगे?ब्रायन कॉक्स: अन्तरिक्ष के बारे में लोगों की धारणा में कुछ ग़लतफ़हमियाँ ज़रूर हैं, जो मुझे लगता है कि जानकारी की कमी की वजह से हैं.मुख्य ग़लतफ़हमी यह है कि यह एक विलासिता का काम है, कि अन्तरिक्ष अन्वेषण और शुरुआत में पृथ्वी के निकट की कक्षा का औद्योगीकरण, फिर आगे चन्द्रमा और क्षुद्रग्रहों तक, कुछ ऐसा है जिसे हम भविष्य के लिए छोड़ सकते हैं.मैं अक्सर यह सुनता हूँ कि अन्तरिक्ष की चिन्ता करने से पहले, हमें पृथ्वी पर मौजूद समस्याओं का समाधान कर लेना चाहिए.इसका उत्तर यह है कि पृथ्वी पर हमारे सामने आने वाली समस्याओं के समाधान में अन्तरिक्ष पहले से ही एक महत्वपूर्ण घटक है.एक स्पष्ट उदाहरण यह समझना होगा कि हमारी जलवायु कैसे बदल रही है. ESA/NASA/T. Pesquet वायुमंडल, महासागरों के तापमान आदि के उपग्रह-आधारित अवलोकनों से प्राप्त आँकड़े, जलवायु परिवर्तन के तरीक़े को समझने और उन समस्याओं के प्रबन्धन में एक महत्वपूर्ण घटक हैं जिनका हम अभी सामना कर रहे हैं, जो हमने अन्तरिक्ष-पूर्व युग में पैदा की थीं.ग्लोबल पोज़िशनिंग, जीपीएस सैटेलाइट नैविगेशन बेहद महत्वपूर्ण है, न केवल इसलिए कि आप इनके सहारे, अपने फ़ोन पर अपना स्थान तलाश कर सकें, बल्कि यह हवाई यातायात प्रबन्धन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन, और पृथ्वी पर माल व सामग्री भेजने के तरीक़े को आसान व बेहतर बनाने आदि के लिए भी महत्वपूर्ण है.ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं कि कैसे अन्तरिक्ष पहले से ही पृथ्वी को बेहतर बनाता है. और ये उदाहरण भविष्य में तेज़ी से बढ़ेंगे.यूएन न्यूज़: आप बाहरी अन्तरिक्ष के शान्तिपूर्ण और समावेशी उपयोग की हिमायत कैसे करने की योजना बना रहे हैं, ख़ासकर विकासशील देशों को शामिल करते हुए?ब्रायन कॉक्स: मुझे उम्मीद है कि मैं अन्तरिक्ष का लोकतंत्रीकरण किए जाने में योगदान दे पाऊँगा या केवल बड़े खिलाड़ियों के बीच ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की भागेदारी की हिमायत भी कर पाऊँगा.अन्तरिक्ष अर्थव्यवस्था में सभी देशों की आवाज़ उठाने के तर्क, पृथ्वी की सतह और महासागरों में मौजूद अर्थव्यवस्था में राष्ट्रों की भूमिका निभाने के तर्कों के समान ही हैं.मुख्य बात यह है कि हमें कुछ क्षेत्रों में एक ग्रह के रूप में काम करना होगा. अन्तरिक्ष इसका एक बेहतरीन उदाहरण है, लेकिन आप जलवायु परिवर्तन, महामारी नियंत्रण या कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रबन्धन को भी इसमें जोड़ सकते हैं.ये चीज़ें अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान नहीं करतीं, इसलिए आपको संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों की ज़रूरत है.अन्तरिक्ष शायद एक ऐसे क्षेत्र का सबसे स्पष्ट उदाहरण है. यह हमारी अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा है जो राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं पहचानता, क्योंकि ज़ाहिर है कि वहाँ कोई सीमाएँ नहीं हैं.यूएन न्यूज़: और आपको क्या लगता है कि विकासशील देश, अन्तरिक्ष अर्थव्यवस्था में और अधिक किस तरह शामिल हो सकते हैं?ब्रायन कॉक्स: मुझे लगता है कि अब हम एक परिवर्तनकारी दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ पृथ्वी से आगे बढ़ने, औद्योगीकरण करने और अन्तरिक्ष का उपयोग करने की बात आती है. इसका मतलब है कि जिन नियमों पर हम सभी सहमत हैं, वे अभी विकसित किए जा रहे हैं.हम अन्तरिक्ष में हवाई यातायात का प्रबन्धन कैसे करते हैं?हम यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि सभी तक समान पहुँच हो?अगर हम चाँद पर ठिकाने बनाना शुरू करते हैं, तो हम उसका प्रबन्धन कैसे करेंगे?हम उस प्रक्रिया का प्रबन्धन उसी तरह कैसे करेंगे जैसे हम अंटार्कटिका तक पहुँच का प्रबन्धन करते हैं?ज़ाहिर है, यह एक वैश्विक चर्चा है. इसका असर हर किसी पर, हर देश पर पड़ता है.सभी देशों को मिलकर ऐसे ढाँचे विकसित करने होंगे जो हमें एक बहु-ग्रहीय सभ्यता के रूप में विकसित होने में मदद करें.मैं चाहता हूँ कि हम एक अन्तरतारकीय (Interstellar) सभ्यता बनें, लेकिन मैं अपने जीवनकाल में तो ऐसा नहीं देख पाऊँगा. 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