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आपबीती: 'कल तक तो बहुत देर हो जाएगी', हेती में राहत कार्य तेज़ करने होंगे

 - World News in Hindi

हेती में आपराधिक गुटों की हिंसा बढ़ने और अमेरिका समेत अन्य दानदाताओं द्वारा मानवीय सहायता से धन खींचने के कारण, उन 13 लाख लोगों को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं, जिन्हें सुरक्षा की ख़ातिर वहाँ से भागना पड़ा है. इस संकट में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति सबसे ज़्यादा ख़राब है. राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस और विस्थापन शिविरों में लिंग आधारित हिंसा, ख़ासतौर पर सामूहिक बलात्कार के मामले तेज़ी से बढ़े हैं.धन की कमी के कारण कई यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य केंद्र और लिंग आधारित हिंसा से निपटने वाली सेवाएँ बन्द हो गई हैं. हिंसा और विस्थापन के कारण, बची हुई सेवाओं तक पहुँचना भी मुश्किल हो गया है.UNFPA के मानवीय समन्वयक क्रिश्चियन वॉवी 2022 से हेती में काम कर रहे हैं. विश्व मानवीय दिवस के अवसर पर उन्होंने यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में इस संकट और अपने अनुभवों के बारे में बताया.घर से काम करने की मजबूरी © Christian Vovi Lubanzadio "कई बार हमले का ख़तरा होता है, इसलिए हमें घर से काम करना पड़ता है.इस वजह से हम प्रभावित लोगों से मिल नहीं पाते, महिलाओं से सीधे बातचीत नहीं कर पाते, और न ही शिविरों व समुदायों की स्थिति का सही आकलन कर पाते हैं. सुरक्षा चिन्ताएँ कभी-कभी हमारे काम में रुकावट बन जाती हैं.हालाँकि, हम ऑनलाइन बैठकें करते हैं, महिलाओं से डिजिटल माध्यम से जुड़ते हैं और स्थानीय सहयोगियों के ज़रिए गतिविधियों पर नज़र रखते हैं."लिंग आधारित हिंसा के मामलों में वृद्धिनिरन्तर विस्थापन से लिंग आधारित हिंसा की नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं. इन समस्याओं का समाधान करना मानवीय कार्यकर्ताओं के लिए आवश्यक है, भले ही उनके पास संसाधन सीमित हों. लिंग आधारित हिंसा के रिपोर्ट किए गए मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.हमारे सामने आए कुछ मामलों में, गिरोह के सदस्य समुदायों में घुसकर घरों को आग लगा देते हैं और परिवार के सामने ही माता-पिता के साथ बलात्कार करते हैं.महिलाओं से बातचीत में पता चलता है कि वे बेहद निराश हैं क्योंकि उन्हें अपनी सबसे बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है.वित्तीय संसाधनों तक पहुँच नहीं होने के कारण, महिलाओं को वेश्यावृत्ति जैसे रास्ते अपनाने के मामलों में वृद्धि हुई है. © PAHO/WHO/David Lorens Mentor सेवाओं की सख़्त कमीसुरक्षा सेवाओं की ज़रूरत अभी सबसे अधिक है. विस्थापितों के लिए 100 से अधिक स्थान उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें से केवल 11-12 स्थानों पर ही लिंग आधारित हिंसा (GBV) से सम्बन्धित सुरक्षा सेवाएँ मिल पाती हैं.आश्रय स्थलों की कमी भी एक बड़ी समस्या है. जब एक छोटे से कमरे में कई परिवारों को एक साथ रहना पड़ता है, तो लिंग आधारित हिंसा का ख़तरा बढ़ जाता है.तात्कालिक वित्तीय ज़रूरतेंUNFPA गरिमा किट बाँटटी है जिसमें महिलाओं की ज़रूरत की बुनियादी चीज़ें होती हैं. साथ ही यह अन्य सामान और सेवाएँ भी मुहैया कराती है, लेकिन यह सब पर्याप्त नहीं है. हमें और अधिक संसाधनों की आवश्यकता है.हेती में अभी दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हैं. इनमें से 26 प्रतिशत प्रजनन उम्र की महिलाएँ हैं. इनकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हमें लाखों डॉलर की राशि जुटानी होगी.साल 2020 में अमेरिका ने हेती की मानवीय सहायता योजना के लिए लगभग 65 प्रतिशत धनराशि प्रदान की थी. लेकिन अब अमेरिकी सहायता में कटौती के कारण हम 25 हज़ार महिलाओं और लड़कियों को उनके विस्थापन स्थलों पर सेवाएँ नहीं दे पा रहे हैं.अमेरिका ने 2023 तक बलात्कार पीड़ितों के लिए ज़रूरी किटों की ख़रीद का पूरा ख़र्च उठाया था. अब इन किटों का हमारा भंडार लगभग ख़त्म हो चुका है. © UNFPA/Wendy Desert सीमित संसाधनों के बावजूद काम जारीUNFPA और उसके सहयोगी संगठन, वित्तीय चुनौतियों और पहुँच की समस्याओं के बावजूद, हेती में अपना काम जारी रखे हुए हैं.UNFPA लिंग आधारित हिंसा (GBV) के मामलों में समन्वय का काम करता है. संगठन ने एक हॉटलाइन के ज़रिए दूरस्थ सहायता उपलब्ध कराना जारी रखा है, ताकि प्रतिबंधों के बावजूद पीड़ित लोगों तक ज़रूरी सेवाएँ पहुँच सकें.इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आवाजाही सीमित होने की स्थिति में भी प्रभावित लोग टेलीफोन हॉटलाइन के माध्यम से मनोसामाजिक सहायता और अन्य उपलब्ध सेवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें.तुरन्त कार्रवाई की अपीलअन्तरराष्ट्रीय समुदाय और दानदाता संगठनों को हेती की मानवीय सहायता योजना के लिए ज़रूरी धनराशि उपलब्ध करवानी चाहिए.हेती के लोगों को लगता है कि उनकी स्थिति पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है. उनका मानना है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के पास हिंसा रोकने और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए पर्याप्त संसाधन व धन है.सरकार, राजनयिकों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को तुरन्त क़दम उठाकर मौजूदा हिंसा को रोकना चाहिए और हेती में महिलाओं व लड़कियों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा को समाप्त करना चाहिए.तत्काल कार्रवाई करना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि मेरी नज़र में कल तो बहुत देर हो जाएगी – ख़ासतौर पर मानवीय ज़रूरतों और विस्थापन शिविरों में कठिन परिस्थितियों में रह रही महिलाओं की स्थिति को देखते हुए."

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