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ग़ाज़ा में हर जगह भुखमरी के हालात, इसराइली सैन्य अभियान बढ़ने से नई मुसीबतें

 - World News in Hindi

संयुक्त राष्ट्र मानवीय एजेंसियों ने चेतावनी दी कि ग़ाज़ा में पहुँच रही मानवीय सहायता बेहद कम है. इससे भुखमरी और विस्थापन की गम्भीर स्थिति को कम नहीं किया जा सकता है. उधर इसराइली सैन्य हमलों में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ फ़लस्तीनी लोगों के लिए जारी किए जा रहे बेदख़ली आदेशों ने लोगों को नए सिरे से विस्थापित होने के लिए मजबूर कर दिया है. Tweet URL

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय OHCHR के प्रवक्ता थमीन अल-ख़ीतान ने मंगलवार को जिनीवा में पत्रकारों से कहा, “ग़ाज़ा में हर जगह भुखमरी का ख़तरा मंडरा रहा है. और यह सीधे तौर पर इसराइली सरकार की, मानवीय सहायता रोकने की नीति का परिणाम है.” उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताहों में इसराइली अधिकारियों ने बहुत कम मात्रा में ही मदद पहुँचने दी है, जो भुखमरी के व्यापक स्तर को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है.संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, बच्चों समेत कई लोगों की मौत भूख से हो चुकी है.विस्थापन के दयनीय हालातइसराइली सेनाओं ने ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में, हमले तेज़ किए हैं और फ़लस्तीनियों को अल-मवासी इलाके़ की ओर जाने के लिए, आदेश लगातार जारी किए जा रहे हैं. लेकिन, वहाँ भी हालात बेहद ख़राब हैं.प्रवक्ता अल-ख़ीतान ने कहा कि “लाखों विस्थापित लोगों को, भोजन, पानी, बिजली और तम्बुओं जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच नहीं है.”मानवीय सहायता तक पहुँचना भी मौत का जोखिम बन चुका है.नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, 27 मई से अब तक 1,857 फ़लस्तीनियों की मौत तब हुई, जब वे भोजन की तलाश में थे.यह वह अवधि है जब अमेरिका और इसराइल समर्थित सैन्यकृत सहायता वितरण योजना - ग़ाज़ा मानवतावादी संस्था (GHF) ने अपना संचालन शुरू किया.इनमें से अधिकतर मौतों के लिए इसराइली बलों को ज़िम्मेदार बताया गया है.राहत सामग्री पर रोकसंयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने कहा कि हालात पहले ही बहुत बदतर हो चुके हैं.उन्होंने बताया कि शरण सामग्री (जैसे तम्बू) के प्रवेश पर इसराइल की पाबन्दी जारी है, जबकि साढ़े 13 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन आश्रय की ज़रूरत हैं.ये रोक पिछले पाँच महीनों से लगी हुई है, और इस दौरान सात लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित या दोबारा विस्थापित हुए हैं.संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि इसराइल अगर ग़ाज़ा सिटी पर अपना क़ब्ज़ा बढ़ाता है, तो बड़ी संख्या में लोग दक्षिणी क्षेत्रों में धकेले जाएँगे, जहाँ पहले से भी बहुत भीड़भाड़ है.प्रवक्ता अल-ख़ीतान ने कहा, “इससे और अधिक विस्थापन, और मौतें होंगी. बच्चे, महिलाएँ, विकलांग और घायल लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे.”क़ैदी वीडियो की कड़ी निन्दाइसी बीच, संयुक्त राष्ट्र ने इसराइली जेल में क़ैद फ़लस्तीनी नेता मारवान बरग़ूथी के साथ, इसराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर के दुर्व्यवहार वाले वीडियो को “अस्वीकार्य” क़रार दिया है.प्रवक्ता ने कहा कि यह बरग़ूथी की गरिमा पर हमला है और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ सभी बन्दियों के साथ मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए.उन्होंने चेतावनी दी कि इसराइली मंत्री का ऐसा आचरण फ़लस्तीनी कै़दियों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा दे सकता है, और जेलों में मानवाधिकार उल्लंघन की स्थिति को और गम्भीर बना सकता है.

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