• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

म्याँमार: सेना द्वारा संचालित हिरासत केन्द्रों में सुनियोजित यातनाएँ

 - World News in Hindi

म्याँमार के लिए संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र जाँच तंत्र (IIMM) ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट कहा है कि देश की सेना द्वारा संचालित हिरासत केन्द्रों में लोगों को व्यवस्थित और सुनियोजित यातनाएँ दी जा रही हैं, जिनमें यौन हिंसा, लोगों को पीटा जाना, बिजली के झटके दिया जाना, गला घोंटने और सामूहिक बलात्कार शामिल हैं और यह चलन पूरे देश में गहरा होते देखा गया है. म्याँमार में, फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के साथ ही लोकतांत्रिक ढाँचा ध्वस्त हो गया था. राष्ट्रपति विन म्यिन्ट और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची की गिरफ़्तारी के बाद देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, लेकिन सेना ने इन्हें निर्ममता से दबा दिया. इसके बाद हालात तेज़ी से गृहयुद्ध में तब्दील हो गए.देश के लिए स्वतंत्र जाँच तंत्र ने मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि उसने अपराधों को दर्ज करने और उनके लिए ज़िम्मेदार तत्वों के बारे में सटीक जानकारी दर्ज करने में ख़ासी प्रगति की है. इनमें सुरक्षा बलों के कमांडर शामिल हैं जो हिरासत केन्द्रों की निगरानी करते हैं.अहम सबूत मिलेइस जाँच तंत्र के मुखिया निकोलस कौमजियान ने बताया कि जाँचकर्ताओं ने, 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 के बीच 1,300ा से अधिक स्रोतों से साक्ष्य जुटाए, जिनमें लगभग 600 प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही, तस्वीरें, वीडियो, दस्तावेज़, मानचित्र और फॉरेंसिक सबूत शामिल थे.इन साक्ष्यों के आधार पर न केवल अपराधों का विस्तृत आलेखन किया गया, बल्कि उन कमांडरों की भी पहचान की गई जो इन हिरासत केन्द्रों के संचालन और यातनाओं की ज़िम्मेदारी सम्भालते हैं.गहराता संकटजाँच में स्कूलों, घरों और अस्पतालों पर सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों की घटनाएँ भी शामिल हैं, ख़ासतौर पर मार्च 2025 के भूकम्प के बाद, बचाव और राहत कार्य के दौरान भी ऐसे हमले जारी रहे.रिपोर्ट में राख़ीन प्रान्त में सेना और जातीय सशस्त्र समूह अराकान आर्मी के बीच जारी युद्ध पर भी जानकारी मुहैया कराई गई है. साथ ही, 2016 और 2017 में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ हुए भीषण अपराधों की जाँच को भी आगे बढ़ाया गया है.इन सबूतों ने अन्तरराष्ट्रीय न्यायिक कार्रवाइयों को मज़बूत किया है. इसमें अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा नवम्बर 2024 में म्याँमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलैंग के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट की मांग और फ़रवरी 2025 में अर्जेंटीना की संघीय अदालत द्वारा उनके साथ 24 अन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ जारी वारंट शामिल हैं. © UNICEF/Maria Spiridonova मानवाधिकार गम्भीर ख़तरे मेंनिकोलस कौमजियान ने कहा कि म्याँमार में हो रहे अत्याचारों की तीव्रता और क्रूरता लगातार बढ़ रही है, और यह स्थिति अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व मानवाधिकारों के लिए गम्भीर ख़तरा है.गृह युद्ध की वजह से लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं, जबकि आर्थिक, राजनैतिक और मानवीय संकट ने देश को गहरे गर्त में धकेल दिया है. म्याँमार 2017 में राख़ीन प्रान्त में, रोहिंग्या समुदाय पर किए गए सैन्य हमलों के परिणामों का बोझ आज भी डो रहा है, जहाँ हज़ारों शरणार्थी अब भी भीड़भाड़ वाले शिविरों में रह रहे हैं. रोहिंग्या लोगों पर हुए सैन्य हमलों को, उस समय के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ज़ायद राआद अल हुसैन ने, “नस्लीय सफ़ाए का पाठ्यपुस्तक उदाहरण” क़रार दिया था.आर्थिक चुनौती जाँच तंत्र के कामकाज पर, संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय तंगी का गहरा असर भी पड़ा है. 2025 में इसका बजट, पूर्व स्वीकृत बजट का केवल 73 प्रतिशत रह गया, जिससे 2026 में नियमित बजट से वित्तपोषित कर्मचारियों में 20 प्रतिशत कटौती करनी पड़ेगी.इसके बावजूद, टीम ने अगले तीन वर्षों के लिए एक रणनैतिक योजना बनाई है, जिसमें संसाधनों का कुशल उपयोग, गवाहों तक सुरक्षित और गोपनीय पहुँच, तथा साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है.

यह भी पढ़े

Web Title-
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved