संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, यूक्रेन में रूस के ड्रोन और मिसाइलों से फिर किए गए हमलों की कड़ी निन्दा की है. उन्होंने चेतावनी दी कि इन हमलों ने ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (ZNPP) में, परमाणु सुरक्षा को फिर से ख़तरे में डाल दिया है.
इन हमलों को तीन साल से अधिक समय से जारी इस युद्ध में, कथित रूप में सबसे बड़े हमले बताया गया है.यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को, अपने प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक द्वारा जारी एक वक्तव्य में, युद्ध में ख़तरनाक वृद्धि और हताहत हो रहे आम लोगों की बढ़ती संख्या पर चिन्ता व्यक्त की है.
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उन्होंने दोहराया कि आम लोगों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत निषिद्ध हैं.उन्होंने साथ ही, तत्काल व बिना शर्त युद्धविराम का आहवान किया.संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने वक्तव्य में कहा, "इन हमलों ने ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए, बिजली की आपूर्ति बाधित कर दी, और परमाणु सुरक्षा के लिए जारी ख़तरों को एक बार फिर उजागर किया है."वक्तव्य के अनुसार, "महासचिव ने यूक्रेन में पूर्ण, तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम के लिए अपना आहवान दोहराया है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के अनुरूप न्यायपूर्ण, व्यापक व टिकाऊ शान्ति की दिशा में पहला क़दम है."हमलों में व्यापक नुक़सानअन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार, शुक्रवार को हुए इन हवाई हमलों ने, ज़ैपोरिझझिया परमाणु संयंत्र के अन्तिम बाहरी बिजली कनेक्शन को काट दिया, जिससे इस संयंत्र को तीन घंटे से अधिक समय तक आपातकालीन डीज़ल जैनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा.अन्ततः बिजली बहाल तो कर दी गई, लेकिन यह घटना, वर्ष 2022 में पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से, ऐसी नौवीं घटना है जब संयंत्र के लिए, बाहर से मिलने वाली बिजली, पूरी तरह बाधित हो गई थी.इस परमाणु निगरानी संस्था के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने आगाह करते हुए स्थिति को बेहद नाज़ुक बताया है.उन्होंने कहा, "जो आशंका कभी लगभग अकल्पनीय थी - कि एक प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्र को, अपने सभी बाहरी बिजली कनेक्शन बार-बार कट जाएंगे, दुर्भाग्य से यह एक सामान्य घटना बन गई है."परमाणु सुरक्षा हुई कमयूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित ज़ैपोरिझझिया संयंत्र, यूरोप में सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा स्थल है.बिजली आपूर्ति पूरी तरह बन्द हो जाने के दौरान, महत्वपूर्ण शीतलन कार्यों को बनाए रखने के लिए 18 डीजल जैनरेटर सक्रिय किए गए थे.IAEA ने बताया कि संयंत्र में कम से कम दस दिनों के लिए पर्याप्त डीज़ल उपलब्ध है, और यदि आवश्यक हुआ तो उससे आगे के समय के दौरान आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए भी आकस्मिक योजनाएँ तैयार हैं.ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र, युद्ध शुरू होने के बाद से, नाटकीय रूप से अधिक असुरक्षित हो गया है.युद्ध से पहले, इसकी पहुँच दस बाहरी बिजली लाइनों तक थी; अब यह केवल एक बाहरी बिजली लाइन पर निर्भर है.IAEA की टीमें स्थल पर मौजूद हैं और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही हैं.
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