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कठोर धन कटौती के कारण कठिन विकल्प चुनने की मजबूरी, मानवीय सहायता के लिए नई प्राथमिकताएँ

 - World News in Hindi

विश्व भर में मानवीय सहायता प्रयासों के लिए वित्तीय समर्थन में विशाल कटौतियों के बीच, यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) ने 29 अरब डॉलर की एक वैश्विक सहायता अपील जारी की है, जिसके तहत चुनिन्दा, अहम मानवीय राहत प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित किए जाने की योजना है. आपात राहत मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने सोमवार को बताया कि मानव जीवन की रक्षा करने, लोगों की गुज़र-बसर में सहारा देने के लिए ये कठिन विकल्प चुनने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.ग़ौरतलब है कि कुछ ही महीने पहले, यूएन कार्यालय ने 2025 में, 18 करोड़ से अधिक लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए 44 अरब डॉलर की एक योजना की पेश की थी, मगर अब उसमें सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों को प्राथमिकता दी जाएगी.“ये गणित क्रूर है, और इसके नतीजे हृदयविदारक हैं. बहुत संख्या में लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप समर्थन नहीं मिल पाएगा. लेकिन हमें जितने संसाधन दिए गए हैं, हम उससे जितनी ज़िन्दगियाँ बचा सकते हैं, उन्हें बचाएंगे.” Tweet URL

29 अरब डॉलर की इस अपील के तहत, 11.4 करोड़ ज़रूरतमन्द लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके अन्तर्गत दो प्रमुख लक्ष्यों को ध्यान में रखा गया है.पहला, सर्वाधिक मानवीय सहायता आवश्यकता वाली आबादियों और स्थानों तक पहुँचना. और दूसरा, 2025 के लिए मानवीय सहायता योजना की मौजूदा योजना के आधार पर जीवनरक्षक मदद में प्राथमिकताएँ तय करना.इसके ज़रिए, यूएन एजेंसी का लक्ष्य अपने सीमित संसाधनों के साथ जल्द से जल्द उन इलाक़ों में ध्यान केन्द्रित करना है, जहाँ उनका बेहतर ढंग से इस्तेमाल हो सकता है.OCHA ने बताया कि मानवीय सहायता साझेदार संगठन अब पहले से ही तय सीमित सहायता के बजाय, प्रभावित लोगों की गरिमा का सम्मान करते हुए, ज़रूरतमन्दों को वो सामान व सेवाएँ चुनने देना चाहते हैं, जिसकी उन्हें सबसे अधिक ज़रूरत है.इससे पहले, यूएन एजेंसी ने पिछले वर्ष दिसम्बर में वैश्विक मानवीय सहायता आवश्यकताओं (Global Humanitarian Overview 2025) पर अपनी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें 70 देशों में नाज़ुक परिस्थितियों से जूझ रहे 18 करोड़ लोगों की आवश्यकताओं का आकलन किया गया.इस योजना में 44 अरब डॉलर की अपील जारी की गई थी, मगर इस वर्ष जून महीने तक केवल 13 प्रतिशत सहायता धनराशि का ही प्रबन्ध हो पाया है.सोमवार को जारी नई अपील, GHO 2025 का स्थान नहीं लेगी, बल्कि इसमें उस योजना के आधार पर कुछ नई प्राथमिकताओं को तय किया गया है.यूएन अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने कहा कि वित्तीय समर्थन में क्रूर कटौतियों की वजह से हमारे पास क्रूर विकल्प ही बचे हैं.“आपने पिछले वर्ष युद्ध पर जो ख़र्च किया, हम आपसे उसका एक फ़ीसदी ही चाहते हैं. मगर, यह केवल धन के लिए ही अपील नहीं है. यह वैश्विक दायित्व निभाने की भी पुकार है.”“मानव एकजुटता के लिए. पीड़ा का अन्त करने की प्रतिबद्धता के लिए.”

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