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बढ़ती वैश्विक ज़रूरतों के बावजूद, यूएन शरणार्थी एजेंसी गहरी कटौतियों के लिए मजबूर

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संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने वित्तीय समर्थन में आई कमी की वजह से, विश्व भर में अपने कर्मचारियों की संख्या में लगभग 30 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की. यूएन एजेंसी ने अपनी गतिविधियों, कामकाज, ख़र्चों, कर्मचारियों और संरचना की व्यापक समीक्षा के सोमवार को यह घोषणा की है. बताया गया है कि इस निर्णय के तहत, जिनीवा मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में लगभग 50 फ़ीसदी वरिष्ठ पदों को समाप्त किया जाएगा. 3,500 स्थाई कर्मचारियों पदों को समाप्त किया जा रहा है, सैकड़ों अस्थाई कर्मचारियों की सेवाएँ ख़त्म कर दी गई हैं, और कुछ कार्यालयों के आकार को या तो छोटा किया गया है या फिर पूरी तरह बन्द कर दिया गया है.UNHCR के अनुसार, लागत में कटौती से जुड़े निर्णयों के लिए प्राथमिकताएँ तय की गई, और उन क्षेत्रों में कामकाज जारी रखा जाएगा, जहाँ शरणार्थियों की ज़रूरतें सबसे ज़्यादा हैं. Tweet URL

वित्तीय वास्तविकताएँयह घोषणा, यूएन एजेंसी द्वारा मार्च में जारी की गई चेतावनी के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि गम्भीर धन-कटौतियों की वजह से लाखों-करोड़ों शरणार्थियों का जीवन ख़तरे में है और इसके तात्कालिक और विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं.UNHCR का अनुमान है कि इस वर्ष के अन्त तक उसके पास उपलब्ध धनराशि, उतनी ही होगी, जोकि लगभग एक दशक पहले थी, जबकि इस अवधि में जबरन विस्थापित हुए शरणार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 12.2 करोड़ से अधिक हो चुकी है.संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा कि, "कठिन वित्तीय वास्तविकताओं के मद्देनज़र, UNHCR को अपने अभियान संचालन के दायरे को घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है." "हम अपने प्रयासों को उन गतिविधियों पर केन्द्रित करेंगे, जिनका शरणार्थियों पर सबसे ज़्यादा असर होता है, और इसे मुख्यालय व क्षेत्रीय ढाँचे के पुनर्गठन के माध्यम से किया जाएगा."'अटूट' प्रतिबद्धता'शरणार्थियों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देने के बावजूद, कई अहम कार्यक्रम जैसे ज़रूरतमन्द परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता, स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा, जल व स्वच्छता से जुड़ी सुविधाएँ, बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई हैं.UNHCR, संयुक्त राष्ट्र के अन्य साझेदारों, सहायता समूहों और मेज़बान देशों के साथ समन्वय प्रयासों में जुटा है ताकि राहत पर निर्भर लोगों पर होने वाले असर को कम किया जा सके. इसके लिए एजेंसी अपने कामकाज में दक्षता लाने के प्रयास कर रही है, नए मॉडल तलाश रही है और नई टैक्नॉलॉजी का भी उपयोग किया जाएगा.फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, “भले ही हमें कठिन कटौतियों से जूझना और अपने कई समर्पित साथियों को खोना पड़ रहा है, शरणार्थियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है.”उन्होंने कहा, “हालाँकि संसाधन सीमित हैं और हमारी सेवा प्रदान करने की क्षमता कम हो गई है, फिर भी हम आपात स्थितियों का जवाब देने, शरणार्थियों के अधिकारों की रक्षा करने और उनके लिए समाधान तलाशने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे.”

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