आपात राहत मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने युद्धग्रस्त ग़ाज़ा पट्टी में पहले से स्थापित मानवतावादी एजेंसियों द्वारा मानवीय सहायता प्रयास फिर शुरू करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा की जा रही अपील का स्वागत किया है. इस बीच, ग़ाज़ा में बुधवार को एक स्कूल पर एक और घातक हमले की ख़बर है. मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने कहा, "हम उन सदस्य देशों के समर्थन की सराहना करते हैं, जो हमारे इस आग्रह में शामिल हो रहे हैं: हमें सहायता करने दी जाए."यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब ग़ाज़ा के दक्षिणी हिस्से में अमेरिका और इसराइल द्वारा संचालित एक निजी केन्द्र पर सहायता वितरण स्थगित कर दिए जाने की घोषणा हुई. इस सहायता पहल में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ शामिल नहीं थीं. अवर महासचिव फ़्लैचर ने कहा, "दुनिया हर दिन भयावह तस्वीर देख रही है, जहाँ फ़लस्तीनी लोग मात्र भोजन पाने की कोशिश में गोलीबारी में घायल हो रहे हैं या मारे जा रहे हैं."बुधवार को ही ग़ाज़ा पर सुरक्षा परिषद की एक बैठक हो रही है, जिसमें एक मसौदा प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी. यह प्रस्ताव 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल में हमास के नेतृत्व में आतंकी हमलों के दौरान बन्धक बनाए गए लोगों की रिहाई और ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम पर केन्द्रित होगा.सुरक्षा परिषद के 10 अस्थाई सदस्य देशों द्वारा किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया है. अब देखना यह है कि इसे पाँचों स्थाई सदस्यों (अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस) का समर्थन प्राप्त होगा या नहीं. इनमें से कोई भी देश इस प्रस्ताव पर अपने वीटो अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है.घायलों का उपचारOCHA के वरिष्ठ अधिकारी टॉम फ़्लैचर ने बताया कि चिकित्सा दलों ने पुष्टि की है कि अमेरिका-इसराइल समर्थित सहायता केन्द्र से भोजन सहायता लेने के लिए जुटे लोगों के गोलीबारी में गम्भीर रूप से घायल होने के बाद उनका इलाज किया गया है.उन्होंने कहा, “कल ही, इसराइली बलों द्वारा गोलीबारी की बात स्वीकारने के बाद, कई लोगों को अस्पताल में मृत घोषित किया गया है.”उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा: "सभी रास्ते खोले जाएं, एक भी बन्द न रहे. हर दिशा से बड़े पैमाने पर जीवनरक्षक सहायता सीमा के अन्दर आने दी जाए. हम कितनी और कैसी सहायता ला सकते हैं, उस पर लगी रोक हटाई जाए.""यह सुनिश्चित किया जाए कि हमारे राहत काफ़िले न रोके जाएं, न ही उन्हें देरी या अस्वीकृति का सामना करना पड़े."इस बीच, ग़ाज़ा से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को दक्षिणी इलाक़े में स्थित ख़ान युनिस में, आश्रय स्थल में तब्दील हुए एक स्कूल के इसराइली हमले की चपेट में आ जाने से करीब़ 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं.
एसडीआरएफ ने उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना स्थल से सभी सात शव किए बरामद
न खर्ची, न पर्ची, न सिफारिश, सिर्फ योग्यता के आधार पर मिली नौकरी : अमित शाह
पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने दी केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को जन्मदिन की शुभकामनाएं
Daily Horoscope