जब हिंसक टकराव भड़कते हैं, तो वे शान्ति स्थापना के लिए प्रयास करते हैं. जब हिंसा व आपदा घटती है तो वे जीवनरक्षक सहायता पहुँचाते हैं. जब मानवाधिकारों का हनन होता है, तो वे आवाज़ बुलन्द करते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने गुरूवार को आयोजित एक समारोह में वर्ष 2024 में दायित्व निभाते समय अपनी जान गँवाने वाले 168 कर्मचारियों को श्रृद्धांजलि अर्पित की है.
इनमें से 126 कर्मचारी ग़ाज़ा में मारे गए, जिनमें एक स्टाफ़ सदस्य के अलावा शेष सभी फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता एजेंसी (UNRWA) के लिए सेवारत थे.महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में इस स्मरण कार्यक्रम से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिन स्त्री-पुरुषों को सम्मानित किया जा रहा है, "वे केवल किसी एक सूची के नाम नहीं थे, बल्कि असाधारण व्यक्तित्व थे, जिनमें से हर एक, साहस, करुणा और सेवा की एक कहानी है."
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“वे शान्ति स्थापना की भावना से प्रेरित थे. मानव पीड़ा को कम करने की तात्कालिकता से, और इस दृढ़ विश्वास से कि हर व्यक्ति, दुनिया के किसी भी कोने में हो, सम्मान और सुरक्षा का अधिकार रखता है.”उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछला वर्ष संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों के लिए बेहद भयावह साबित हुआ है.यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि “ग़ाज़ा में UNRWA के हर 50 कर्मचारियों में से एक से अधिक की मौत इस भयावह युद्ध में हुई हैं. यह संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में स्टाफ़ सदस्यों की सबसे बड़ी संख्या में हुई मौतें हैं.” उन्होंने कहा, “कुछ जीवनरक्षक सहायता पहुँचाते हुए मारे गए, कुछ अपने परिवारों के साथ थे जब उनकी जान गई, और कुछ ने निर्बलों की रक्षा करते हुए अपनी जान गँवाई.”‘दंडमुक्ति के लिए जगह नहीं’महासचिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 168 साथियों का बलिदान एक गहरी त्रासदी है, लेकिन यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हर स्टाफ़ कर्मचारी हर दिन कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी निभाता है.उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “दुनिया को यह देखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि जब हम उन्हें शोकपूर्वक याद कर रहे हैं जो अब हमारे बीच नहीं हैं, तो हमें उन लोगों को भी पहचानना चाहिए जो आज भी जीवित और सेवारत हैं.”महासचिव गुटेरेश ने विश्व के संकटग्रस्त क्षेत्रों में वर्तमान में सेवारत कर्मचारियों के साहस और दृढ़ता को सलाम किया. “मैं दुनिया से यही कहना चाहता हूँ: हम पीड़ा के प्रति संवेदनहीन नहीं होंगे. हम संयुक्त राष्ट्र कर्मियों को जान से मार दिए जाने को स्वीकार नहीं करेंगे.”“हम मानवतावादियों, पत्रकारों, स्वास्थ्यकर्मियों या नागरिकों की हत्या को कहीं भी और किसी भी हालात में सामान्य नहीं बनने देंगे. दंडमुक्ति के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.”स्मृति को सम्मानवर्ष 2011 से, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हर साल एक स्मरण समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें पिछले वर्ष के दौरान कर्तव्य निर्वहन के दौरान अपनी जान गँवाने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है.2024 में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्मचारी, UNRWA, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR), यूएन परियोजना सेवा कार्यालय (UNOPS), और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के साथ काम कर रहे थे.वे 31 देशों से थे, और शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रशासक, मानवीय कार्यकर्ता, शान्तिरक्षक और अन्य पेशों से जुड़े थे. सबसे बढ़कर, वे किसी के बेटे और बेटी, पति और पत्नी, पिता और माता, और भाई-बहन थे.‘वे हम में से सर्वश्रेष्ठ थे’महासचिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करना “सिर्फ़ एक नौकरी नहीं है,” यह एक पुकार है.उन्होंने कहा कि अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले हमारे साथियों ने मानवता की सेवा करने की पुकार का जवाब दिया…उन्होंने इसे अपनी-अपनी तरह से निभाया, बिना किसी दिखावे और दृढ़ संकल्प के साथ. वे मानवता का जीवन्त रूप थे.”“ऐसे समय में जब कुछ लोग अन्तरराष्ट्रीय सहयोग या बहुपक्षवाद की अवधारणा पर ही सवाल उठाते हैं, हमें उन ज़िन्दगियों को याद रखना होगा जो बहुत जल्द समाप्त हो गए.”उन्होंने कहा कि आइए, हम उनके जीवन से प्रेरणा लें और संकल्प लें कि हमारे साथियों की याद और मिशन हमेशा जीवित रहेगा. वे हम में से सर्वश्रेष्ठ थे. उन्हें हमारे काम के माध्यम से जीवित रखा जाएगा.विरासत ज़िन्दा रहेगी…न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र स्टाफ़ यूनियन की अध्यक्ष नार्दा क्यूपिडोर ने कहा कि अपना बलिदान देने वाले कर्मचारी, संयुक्त राष्ट्र के मिशन के प्रतीक थे और उन्होंने सर्वोच्च क़ीमत चुकाई.उन्होंने कहा, “यह सम्मान केवल एक क्षण की मौन श्रद्धांजलि से बढ़कर होना चाहिए. यह कार्रवाई की पुकार होनी चाहिए. सेवा में लगे लोगों की सुरक्षा की पुकार होनी चाहिए." "यह सुनिश्चित करने की पुकार होनी चाहिए कि जो कोई भी (संयुक्त राष्ट्र के) नीले झंडे के तले सेवा करता है, उसे पूर्ण सुरक्षा, समर्थन और सम्मान मिले.”मृतक सहकर्मियों की विरासत “हमारे कार्यों में, हमारे समर्थन में और इस अटूट विश्वास में जीवित है कि इस दुनिया के लिए प्रयास करना सार्थक है.”
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