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ग़ाज़ा: मानवीय सहायता के प्रवेश पर पाबन्दी से लोग संकट के कगार पर

 - World News in Hindi

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में लोगों का जीना दूभर होता जा रहा है. ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी के लिए मानवीय सहायता के प्रवेश पर इसराइल की पाबन्दी के कारण, भोजन, आश्रय और दवाओं जैसी महत्वपूर्ण सामग्री तेज़ी से ख़त्म हो रही है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता, स्तेफ़ान दुजैरिक ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुरूवार को एक प्रैस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि ग़ाज़ा में मानवीय स्थिति तेज़ी से बदतर होती जा रही है.उन्होंने कहा, "बच्चे भूखे हैं, मरीज़ों का इलाज नहीं हो पा रहा है, और लोगों की मौतें हो रही हैं.""इन प्रतिबन्धों को तुरन्त हटाया जाना होगा."ख़बरों के अनुसार, इसराइली सीमाबन्दी के कारण, सहायता सामग्री की आपूर्ति में व्यवधान से, क़ीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. क़ीमतें युद्धविराम से पहले के स्तर से 1,400 प्रतिशत तक ऊपर पहुँच गई हैं और स्थानीय बाज़ारों से दुग्ध पदार्थ, अंडे, फल व माँस जैसी मूलभूत वस्तुएँ ग़ायब हो चुकी हैं.यूएन सहायता समन्वय कार्यालय, OCHA के अनुसार, मार्च की तुलना में अप्रैल महीने में, क़ीमतों में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई हैं. साथ ही, नक़दी की कमी और गिरती क्रय शक्ति की वजह से, बहुत से परिवार भुखमरी की चपेट में हैं.ज़मीनी स्थितिइसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र की कार्यवाहक मानवीय समन्वयक सुज़ाना टकालेक ने, बुधवार को दीर-अल-बलाह और ख़ान यूनिस इलाक़ों का दौरा करके ज़मीनी हालात का जायज़ा लिया.ख़ान यूनिस में, टीम ने दक्षिणी ग़ाज़ा के मुख्य जल शोधन संयंत्र का निरीक्षण किया, जो मार्च की शुरुआत से इसराइल द्वारा की गई बिजली कटौती के कारण, केवल 15 प्रतिशत क्षमता पर चल रहा है. परिणामस्वरूप, स्वच्छ पानी तक लोगों की पहुँच बहुत सीमित हो गई है.उन्होंने दो भीड़भाड़ वाले विस्थापन स्थलों का दौरा किया और लोगों की ज़रूरतों व रहने के हालात का मूल्यांकन किया.इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की टीम ने, दीर-अल-बलाह में बधिर बच्चों के लिए अतफ़लुना सोसाइटी द्वारा संचालित एक सामुदायिक रसोई के संचालन का भी दौरा किया, जो युवजन, महिलाओं एवं विकलांगों को भोजन एवं प्रशिक्षण प्रदान करता है.भारी क़िल्लतयूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि इस बीच, मानवीय साझेदारों ने तम्बुओं, तिरपाल व अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों की गम्भीर कमी होने की जानकारी भी दी है.उन्होंने कहा, “गोदाम लगभग ख़ाली हो गए हैं, जिससे शरण स्थलों पर जीवित रहने के लिए न्यूनतम राहत सहायता देना ही सम्भव हो पा रहा है.उन्होंने बताया, "संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ जितनी राहत सहायता प्रदान कर सकती हैं, कर रही हैं. संयुक्त राष्ट्र की प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी, UNFPA ने इस सप्ताह अपने छह स्वास्थ्य साझेदारों को, 6 हज़ार 900 से अधिक लोगों की मदद के लिए पर्याप्त लगभग 10 प्रजनन स्वास्थ्य किटें और आपातकालीन सामान की आपूर्ति की है.अस्पतालों में 900 से अधिक महिलाओं और लड़कियों तक गरिमा किट पहुँचाई गईं हैं. साथ ही, एजेंसी के कार्यकर्ताओं ने लिंग-आधारित हिंसा के बारे में लगभग 240 सत्र आयोजित किए हैं और 200 नए मामले दर्ज किए हैं.जवाबदेही का आहवानग़ाजा में 19 मार्च को हुए घातक हमले संयुक्त राष्ट्र के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी और कम से कम पाँच अन्य गम्भीर रूप से घायल हुए थे. इससे सम्बन्धित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि इसराइली अधिकारियों ने अपनी आन्तरिक जाँच के नतीजे संयुक्त राष्ट्र को सौंप दिए हैं.उन्होंने जवाबदेही व पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, "युद्ध की शुरुआत से ही इस तरह की घटनाओं में हमें उनकी ओर से पूरा सहयोग और पारदर्शिता देखने को मिली है - न केवल इस मामले में बल्कि अन्य सभी मामलों में भी.”"हमने ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र के अपने सहयोगियों के मारे जाने या संयुक्त राष्ट्र के बुनियादी ढाँचे पर हमलों का सिलसिला देखा है. हम एक बार फिर, सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का पूरी तरह पालन करने का आहवान करते हैं. इसमें नागरिकों की सुरक्षा के साथ-साथ, संयुक्त राष्ट्र एवं मानवीय कार्रवाई में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा करना भी शामिल है."

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