नई दिल्ली/इस्लामाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से ठीक एक सप्ताह पहले, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस्लामाबाद की चार दिवसीय यात्रा के दौरान शांति प्रयासों के लिए पाकिस्तान की सराहना की और भारत के मुसलमानों के प्रति चिंता व्यक्त की।
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बुधवार को अपनी पाकिस्तानी यात्रा के समापन से पहले पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए एक साक्षात्कार में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर टिप्पणी की, जिसमें अपने तीन पड़ोसी इस्लामिक देशों में धार्मिक रूप से प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। डॉन ने गुटेरेस के हवाले से कहा है कि भारतीय संसद द्वारा पारित विभाजनकारी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम से बाहर किए गए 20 लाख मुस्लिमों पर देशविहीन होने का खतरा मंडरा रहा है।
गुटेरेस ने डॉन को यह भी बताया कि वे व्यक्तिगत रूप से भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते भेदभाव को लेकर चिंतित हैं। अखबार ने दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मीडिया में संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त की दो रपटों सहित और एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच और हाल ही में नई दिल्ली में जारी कश्मीर पर तथ्यपरक रिपोर्ट, जिनमें यातना, यौन शोषण और भारतीय सेना द्वारा सात वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हिरासत में लेना शामिल है, सहित सभी रपटों ने यह स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि कश्मीर में वास्तव में क्या हो रहा है और यह जरूरी है कि इन रिपोर्टों को गंभीरता से लिया जाए।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने पिछले तीन दशकों में कश्मीर में पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद का कोई उल्लेख नहीं किया। इसके बजाए भारत के सिख तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए पाकिस्तान के करतारपुर कॉरिडोर के दौरे के दौरान गुटेरेस ने अंतरधार्मिक सद्भाव का प्रतीक के लिए पाकिस्तान की प्रशंसा की।
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