अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश नाटो की बोली को मंजूरी देने से पहले स्वीडन के आतंकवाद विरोधी कदमों की निगरानी करेगा।
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सरकारी टीआरटी ब्रॉडकास्टर के अनुसार, शुक्रवार को तुर्की वापस लौटते समय एर्दोगन ने संवाददाताओं से कहा, "हम स्वीडन के किये गए वादों पर नज़र रखेंगे और उसके द्वारा उठाए गए कदमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।"
राष्ट्रपति ने कहा, "यह स्वीडन के हित में होगा अगर वह आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई और आतंकवादियों के प्रत्यर्पण में ठोस कदम उठाता है।"
नाटो में शामिल होने के लिए सभी सदस्य देशों के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। स्वीडन और फ़िनलैंड ने पिछले साल सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें तुर्की की आपत्तियों का सामना करना पड़ा। तुर्की का कहना है कि दोनों देश प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और गुलेन आंदोलन के सदस्यों को आश्रय देते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अंकारा ने आखिरकार इस साल मार्च में फिनलैंड की नाटो बोली पर अपनी आपत्ति हटा ली।
तुर्की सैन्य गठबंधन के शिखर सम्मेलन से ठीक पहले 10 जुलाई को स्वीडन को नाटो में शामिल करने पर सहमत हुआ।
तुर्की संसद अक्टूबर में स्वीडन की नाटो सदस्यता पर मतदान करेगी।(आईएएनएस)
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