#TURKEY SYRIA EARTHQUAKEअंकारा/दमिश्क। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 17,000 से अधिक हो गई है। तुर्की की आपदा और आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (एएफएडी) ने कहा कि देश में मरने वालों की संख्या वर्तमान में 12,391 है, जबकि 62,914 अन्य घायल हुए हैं। अनादोलू समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 6,000 से अधिक इमारतें ढह गईं, जबकि दस प्रांतों में 13 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्य मीडिया, सीएनएन ने बताया कि नागरिक सुरक्षा समूह के अनुसार, सीरिया में कम से कम 2,992 मौतें हुईं। इनमें से 1,730 उत्तर-पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में दर्ज की गईं और 1262 सरकार-नियंत्रित हिस्सों में हुईं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के अनुसार सोमवार को आई आपदा के बाद से 70 देशों और 14 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तुर्की को राहत की पेशकश की है।
लेकिन सीरिया में अंतर्राष्ट्रीय सहायता की स्थिति कम स्पष्ट है, क्योंकि गृह युद्ध के कारण देश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार अब तक, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, ईरान, लीबिया, मिस्र, अल्जीरिया और भारत ने सीरिया में सरकार नियंत्रित हवाई अड्डों पर सीधे राहत भेजी है।
तालिबान शासित अफगानिस्तान, सऊदी अरब, कतर, ओमान, चीन, कनाडा और वेटिकन जैसे अन्य लोगों ने सहायता का वादा किया है।
यूरोपीय संघ ने पुष्टि की है कि वह सीरिया को 3.5 मिलियन यूरो की सहायता भेजेगा, लेकिन कहा कि सरकार और विद्रोही-नियंत्रित दोनों क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई जानी चाहिए।
इससे पहले बुधवार को सीरियाई सरकार ने कहा कि उसने अलेप्पो, हमा, होम्स, टार्टस और लताकिया शहरों सहित सरकार-नियंत्रित क्षेत्रों में भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए सौ से अधिक आश्रय स्थापित किए हैं।
इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन, जिन्होंने बुधवार को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि आपदा के हिसाब से तैयार रहना असंभव था। आलोचकों ने दावा किया था कि आपातकालीन सेवाओं की प्रतिक्रिया बहुत धीमी थी।
हटे में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बचावकर्ता और स्वयंसेवक मलबे के नीचे फंसे लोगों का पता लगाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में कम तापमान के कारण हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है।
तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया।
7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गजियांटेप में नूरदागी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था।(आईएएनएस)
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