वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से फोन पर सीरिया संघर्ष और मध्य एशिया व मध्य पूर्व में आतंकवाद-रोधी लड़ाई के साथ ही उत्तरी कोरिया के परमाणु खतरे जैसे मुद्दों पर एक घंटे से अधिक समय तक टेलीफोन पर बात की। एक बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने मंगलवार को संयुक्त घोषणापत्र के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की जो इन दोनों देशों ने हालिया एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के दौरान वियतनाम के डा नांग के दौरान स्वीकृत किया था। इसमें सीरिया में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) को हराने के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रतिबद्ध जताई गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एफे की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप और पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प 2254 को लागू करने के महत्व पर बल दिया, जिसमें शांतिपूर्ण ढंग से सीरिया के गृहयुद्ध को हल करने, मानवीय संकट को समाप्त करने, विस्थापित सीरियाई नागरिकों की घर वापसी और किसी गलत हस्तक्षेप और आतंक की सुरक्षित पनाहगाह के बिना एकीकृत सीरिया की स्थिरता बात कही गई थी। यह वार्ता पुतिन द्वारा रूस के सोचि में सोमवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद से हुई मुलाकात के बाद हुई है जो गुप्त रूप से आयोजित की गई थी लेकिन मंगलवार को इसका खुलासा हुआ।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान सीरिया में एक नई शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रयासों का संकेत नहीं देता है जिसका जिक्र, क्रेमलिन के अनुसार, पुतिन ने सऊदी अरब के शाह सलमान सहित ट्रंप और अन्य अंतर्राष्ट्रीय नेताओं से भी किया था। पुतिन ने शाह सलमान से भी फोन पर बात की। ट्रंप ने पुतिन के साथ अपनी वार्ता को लेकर संवाददाताओं को संक्षेप में बताया और कहा कि उन्होंने सीरिया में शांति लाने को लेकर बहुत गंभीरता से बात की।
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