ने पी ता| म्यांमार में तख्तापलट के बाद से ही विरोध-प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। राजधानी ने पी ता में सोमवार को लगातार तीसरे दिन बड़ी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारें करनी पड़ी। प्रदर्शनकारी स्टेट काउंसलर आगं सान सू ची की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे थे। असैनिक सरकार और सेना के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पिछले सोमवार को राष्ट्रपति विन मिंत, सू ची और सत्तारूढ़ नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी, जो एक साल तक चलेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को म्यांमार की राजधानी ने पी ता में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और उन्हें हटाने के लिए पुलिस को पानी की बौछार करनी पड़ी। इसका एक वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को बनाने वाले क्याव जेयार ने बीबीसी को बताया कि लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस के दो वाहन बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें वहां से हटाने के लिए पहुंच गए। रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर तक हालात नियंत्रण में थे।
म्यांमार में हाल ही में चुनाव हुए थे, जिसे सेना ने फर्जी बताया है और इसके बाद सैनिक विद्रोह की आशंकाएं बढ़ गई थीं। तख्तापलट के बाद सेना ने देश का नियंत्रण एक साल के लिए अपने हाथों में ले लिया है। सेना ने जनरल को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया है। नवंबर, 2020 में आम चुनावों के बाद से ही सरकार और सेना के बीच गतिरोध बना हुआ था।
सेना का कहना है कि 8 नवंबर, 2020 को जो आम चुनाव हुए थे, वे फर्जी थे। इस चुनाव में सू ची की एनएलडी पार्टी को संसद में 83 प्रतिशत सीटें मिली थीं, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त थीं।
सेना ने इस चुनाव को फर्जी बताते हुए देश की सर्वोच्च अदालत में राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को सिरे से नकार दिया था। इस कथित फजीर्वाड़े के बाद सेना ने हाल ही में कार्रवाई की धमकी दी थी। इसके बाद से ही तख्ता पलट की आशंकाएं बढ़ गई थीं।
--आईएएनएस
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