सिडनी| शोधकर्ताओं की एक टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (एसएआरएस-कोवी-2) के खिलाफ टीकाकरण के 11 दिन बाद एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देने में फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की एक खुराक पर्याप्त हो सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में मोनाश विश्वविद्यालय के हेदी ई. ड्रमर सहित, टीके की दूसरी 'बूस्टर' खुराक एसएआरएस-कोवी-2 के खिलाफ टीके की प्रभावकारिता नहीं बढ़ा सकती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
टीम ने अध्ययन के लिए प्लेसबो और प्रयोगात्मक समूहों में दिन 1 से 111 तक फाइजर-बायोएनटेक तीसरे चरण के परीक्षण डेटा की फिर से जांच की।
उन्होंने मॉडर्न के वैक्सीन परीक्षण के आंकड़ों को भी देखा। हालांकि, मॉडर्न परीक्षण में कोविड-19 मामलों की संख्या पहले कुछ हफ्तों में कम थी, उनके पास इसका आकलन करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं था। इसके बजाय, मॉडर्ना के परीक्षण डेटा का उपयोग फाइजर के परीक्षण डेटा के साथ तुलनात्मक उद्देश्यों के लिए किया गया था।
उन्होंने 11 वें दिन से 28 दिन तक टीकाकरण की प्रभावकारिता का अध्ययन किया और दूसरे दिन दिए गए दूसरे टीके की खुराक की प्रभावकारिता की तुलना दिन 111 तक की।
समाचारों के अनुसार, पहले टीके की खुराक ने संकेत दिया कि दूसरी खुराक देने से पहले एंटीबॉडी को विकसित करने में मदद मिली।
--आईएएनएस
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