ढाका। बांग्लादेश के एक न्यायाधिकरण ने रविवार को साल 2000 में तत्कालीन विपक्ष की नेता शेख हसीना की हत्या की साजिश के तहत बम लगाने के मामले में दस लोगों को मौत की सजा सुनाई है। मौजूदा समय में शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। ढाका के स्पेशल ट्रॉयल ट्राइब्यूनल की न्यायाधीश मुमताज बेगम ने हरकत-उल-जेहाद-अल-इस्लामी (हूजी) के कई आरोपियों की मौजूदगी में यह आदेश दिया। इन आरोपियों पर 76 किलो बम रखने का आरोप था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
न्यायाधीश ने एक दोषी को आजीवन कारावास और नौ अन्य को 20 साल की जेल की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने कहा कि दोषियों को फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा दी जाए लेकिन यह सजा सर्वोच्च न्यायालय की पुष्टि के अधीन है। यह बम 21 जुलाई, 2000 को गोपालगंज जिले में एक कॉलेज के मैदान में स्टेज बनाने के दौरान पाया गया। यहां अगले दिन शेख हसीना को चुनावी प्रचार रैली में लोगों को संबोधित करना था।
मामले के 25 अभियुक्तों में से हूजी के प्रमुख मुफ्ती हन्नान को 2004 में बांग्लादेश में तत्कालीन ब्रिटिश उच्चायुक्त पर ग्रेनेड हमले के लिए फांसी दी जा चुकी है। बचाव पक्ष के वकील फारूक अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि आठ अभियुक्त वर्तमान में सालाखों के पीछे हैं, एक को जमानत मिली हुई है जबकि 15 फरार हैं।
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