स्टेट अटॉर्नी जनरल जोश शैपिरो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिपोर्ट में
1000 से ज्यादा पीड़ितों की पहचान की गई है लेकिन ग्रैंड जूरी को विश्वास
है कि यह संख्या और ज्यादा है। 18 महीने तक चली इस जांच का नेतृत्व अटॉर्नी
जनरल जोश शैपिरो कर रहे थे।
उनके साथ हैरिसबर्ग, पीट्सबर्ग, ऐलेनटाउन, स्क्रैनटन, एरी और ग्रीन्सबर्ग
जिलों के भी अधिकारी शामिल थे। ये भी पढ़ें - यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल
रिपोर्ट में पाया गया है कि
पेन्सिलवेनिया और वैटिकन में चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन यौन शोषण के
मामलों को व्यवस्थित तरीके से छिपाने की कोशिश की। शैपिरो ने कहा, 'इन
मामलों को छिपाने का परिणाम यह रहा कि अब ये मुकदमा चलाने के लिए भी बहुत
पुराने हो गए हैं।'
रिपोर्ट के मुताबिक, रिपोर्ट में दिए एक उदाहरण
के मुताबिक, ऐलनटाउन जिले में एक पादरी से जब यौन शोषण की शिकायत पर
पूछताछ की गई तो उन्होंने एक लड़के के शोषण करने की बात कबूली और कहा,
'कृपया मेरी मदद कीजिए।'
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